मोदी सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी सरकार: सीएम
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी सरकार है। उन्होंने दावा किया कि संसद में सरकार द्वारा पारित कराए गए कृषि विधेयकों से किसानों की दशा और दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन विधेयकों से मोदी सरकार ने किसानों को दो तरफा फायदा दिया है। अगर किसान मंडी में उपज बेचता है तो उसे ऊंची एमएसपी पर कीमत मिलेगी और मंडी से बाहर बाजार में बेचता है तो उसे ऊंची कीमत के साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा। इन कृषि विधेयकों से एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना को मजबूती मिल रही है। किसान अब सीधे बाजार से जुड़ सकेंगे और कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच सदैव किसानों के कल्याण के लिए रही है। इसी सोच के साथ ये सुधार किए गए हैं। वर्ष 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट केवल 12 हजार करोड़ रूपए था जो आज कई गुना बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार करोड़ किया गया है। पहले कभी भी केंद्र सरकार एक साल में 75 हजार करोड़ रूपए किसानों के हित में खर्च नहीं कर पाई थी। लेकिन मोदी सरकार ने यह मुमकिन कर दिया। पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रूपए सीधे डीबीटी के जरिए कसानों के खाते में पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि अवसंरचना के लिए एक लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। इसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1 हजार करोड़ रूपए का पैकेज मंजूर किया है। यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ का कर्ज मिलता था, आज 15 लाख करोड़ का ऋण सालाना दिया जा रहा है। यूपीए के समय स्वामीनाथन आयोग ने कृषि कल्याण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, लेकिन उस समय इन्हें लागू नहीं किया गया। आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया बल्कि उसमें और अधिक प्रावधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है।