कृषि बिलों का मामला, यूकेडी ने राष्ट्रपति को किया ज्ञापन
देहरादून । उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा व राज्यसभा में पारित किए गए किसान सुधार विधेयकों का पुरजोर विरोध किया है। कहा कि किसान सुधार के नाम पर पारित किए गए तीनों विधेयक पूरी तरह किसान विरोधी हैं। तीनों विधेयकों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग उन्होंने की है। इस संर्दभ में दल कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया है।
कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संसद के दोनों सदनों में पेश किए गए कृषि विधेयकों की दल निंदा करता है। क्योंकि इन विधेयकों से किसानों के अधिकारों का हनन होगा। किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएगा। विधेयक में किसान की उपज को बाजार में लाने व बेचने की जिस तरह की व्यवस्था की गई है उससे किसानों को हानि व व्यापारियों को लाभ होगा। उत्तराखंड के किसान भी इससे अत्यधिक प्रभावित होंगे। वैसे भी कर्ज के बोझ तले डूबे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। गन्ना किसानों को पिछले लंबे समय से भुगतान नहीं किया गया है। मांग की है कि राष्ट्रपति अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए कृषि सुधार से संबंधित तीनों विधेयकों को जल्द निरस्त करें। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में दल के संरक्षक त्रिवेन्द्र सिंह पंवार, लताफत हुसैन, जयप्रकाश उपाध्याय, सुनील ध्यानी, शांति प्रसाद भट्ट, समीर मुंडेपी, ऋषि राणा, विजेन्द्र रावत, राजेन्द्र नेगी, नरेश गोदियाल आदि शामिल रहे।