G-KBRGW2NTQN नवजात के साथ प्रसूता को कोविड अस्पताल में किया जबरन भर्ती – Devbhoomi Samvad

नवजात के साथ प्रसूता को कोविड अस्पताल में किया जबरन भर्ती

पौड़ी। जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमित को आइसोलेट करवाने की अमानवीय कार्रवाई देखने को मिली। होम आइसोलेशन की पूरी व्यवस्था होने के बावजूद एक प्रसूता को पुलिस कार्रवाई की धमकी देकर उसे उसके 20 दिन के नवजात के साथ जबरन कोविड केयर सेंटर में भर्ती करा दिया गया। परिजनों के होम आइसोलनशन की गुजारिश के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने प्रसूता व उसके परिजनों की एक न सुनी।
पाबौ विकासखण्ड की एक प्रसूता के साथ देखने को मिली। इससे पूर्व थलीसैंण के परिवार को भी होम आइसोलशन की पूरी व्यवस्था होने के बावजूद आठ माह के बच्चे के साथ डोभ श्रीकोट कोविड केयर में भर्ती करा दिया गया था।
ताजा मामला पाबौ विकासखण्ड की एक प्रसूता से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार विकास खंड पाबौ के एक गांव की एक प्रसूता ने विगत 8 सितंबर को बेस अस्पताल श्रीकोट में नवजात को जन्म दिया था। अस्पताल से प्रसूता को 12 सितंबर को छुट्टी दी गई। प्रसूता विगत 20 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ में टांके कटवाने पहुंची। प्रसूता महिला ने बताया कि टांके कटवाने के दौरान मैंने चिकित्साधिकारी को सूंघने में दिक्कत आने की जानकारी दी, जिस पर पाबौ में स्वास्थ्य कर्मियों ने मेरा कारोना सैंपल लिया। प्रसूता ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने पति को फोन कर 25 सितंबर को उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की। साथ यह भी कहा कि घर पर ही रहें। लेकिन 27 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्साधिकारी ने उसे फोन कर बेस अस्पताल श्रीकोट जाने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि मैंने स्वास्थ्य कर्मियों से होम आइसोलेशन किए जाने की मांग की। परिजनों ने भी हामी भरी। लेकिन चिकित्साधिकारी ने पुलिस कार्रवाई किए जाने की धमकी दी और 20 दिन के नवजात शिशु के साथ जबरन बेस अस्पताल श्रीकोट भेज दिया।
एसीएमओ पौड़ी डा. रमेश कुंवर ने बताया कि प्रसूता के परिजनों ने संक्रमित को होम आइसोलेशन किए जाने जिम्मेदारी लेने से इनकार किया। जिसके बाद प्रसूता व उसके नवजात को अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। अपर जिलाधिकारी पौड़ी डा. एसके बरनवाल ने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार होम आइसोलेशन का प्रावधान है। प्रसूता को उसकी मर्जी के खिलाफ नवजात के साथ अस्पताल में आइसोलेट किया जाना गलत है। डा. बरनवाल ने कहा कि मामले में लिखित शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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