अस्पतालों की दशा सुधारने समेत 34 बिंदुओं पर सरकार का जवाब तलब
नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायालय ने बदहाल चिकित्सा पण्राली को सुधारने के लिए राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पतालों पर सरकार से 34 बिन्दुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है। यह रिपोर्ट चार सप्ताह में पेश की जानी होगी। इसके साथ ही अगली सुनवाई 10 नवम्बर नियत कर दी है।
यह जवाब तलब शांति प्रसाद भट्ट की 2013 की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से जुड़ी एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की संयुक्त खण्डपीठ ने जारी किया है। इस याचिका की पूर्व सुनवाई पर 25 सितंबर 2020 के अपने आदेश में याचिकाकर्ता से कहा था कि वह उन प्रश्नों की सूची तैयार करें जिससे प्रदेश के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पतालों की वर्तमान स्थिति का आंकलन लगाया जा सके।
इस पर काम करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से एक विस्तृत शपथ पत्र उच्च न्यायालय के समक्ष रखा गया, जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 31 प्रश्न, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 32 प्रश्न एवं जिला अस्पतालों पर 34 प्रश्नों की सूची तैयार की गयी थी। इन प्रश्नों में इन केन्द्रों में मौजूद बिजली, पानी, डॉक्टर, नर्स एवं दवाई की व्यवस्था को शािमल किया गया है।
इसमें आपातकालीन सेवा का लाभ, एक्सरे मशीन एवं ऐसी बुनियादी चिकित्सा व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं, क्या वहां जंगली जानवर से हमला होने पर या उनके काटने पर इंजेक्शन मौजूद हों। इनको शामिल किया है। अब सरकार के जवाब तलब की रिपोर्ट के बाद इसका आंकलन किया जाएगा कि राज्य की चिकित्सा सेवा व्यवस्था को किस तरह से पटरी पर लाया जा सकता है।