G-KBRGW2NTQN चार नवंबर को होगा करवाचौथ का व्रत,बन रहा विशेष संयोग – Devbhoomi Samvad

चार नवंबर को होगा करवाचौथ का व्रत,बन रहा विशेष संयोग

ऋषिकेश। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 4 नवंबर बुधवार को मनाया जाएगा। बुधवार गणोश जी का वार माना जाता है और चतुर्थी तिथि भी भगवान गणोश की है। ऐसे में इस बार बुधवार को आने वाला करवा चौथ सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत विशिष्ट संयोग ला रहा है। राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आईडीपीएल के संस्कृत प्रवक्ता आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि यद्यपि बुधवार को सुबह से तृतीया तिथि रहेगी। लेकिन दोपहर 3.24 से चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि चतुर्थी तिथि का महत्व उदय व्यापिनी से नहीं अपितु चंद्र व्यापिनी से लिया जाता है।जिसके चलते व्रत इसी दिन रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि उस दिन रात भर रहते हुए दूसरे दिन 5.14 तक रहेगी।उन्होंने बताया कि इस दिन पूजन का सवरेत्तम समय सायंकाल 5.29 से 6.48 तक रहेगा। जबकि चंद्रमा का उदय 8.16 पर होगा। सुहागन स्त्रियां पति की लंबी आयु तथा अपने घर गृहस्ती के सफल संचालन के लिए प्रात काल स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन व्रत का संकल्प लें। ब्रrा मुहूर्त में सरगी ले सकती हैं। जिसके बाद दिनभर जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि पति पूजन की सामग्री फूल-फल इत्यादि एकत्रित करें। इसके बाद सायंकाल पूजा समय पर करवा में जल भरकर उसके ऊपर दीपक जलाएं। जो चंद्रोदय तक जलता रहना चाहिए। इसके बाद कथा पढ़े और उसका श्रवण करें। साथ ही मन वचन और कर्म से भगवान गणोश, माता पार्वती और भगवान शिव का ध्यान करें। माता पार्वती को यथा सामर्थ्य श्रृंगार चढ़ाएं । आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि चंद्रमा के दर्शन करने पर उन्हें अर्घ्य दिया जाना चाहिए। इसके बाद पति द्वारा दिए गए जल से व्रत का पारायण करें। उसके बाद भजन कीर्तन और तब भोजन करें। ऐसा करने से वर्ष पयर्ंत घर गृहस्थी में किसी प्रकार की बाधाएं नहीं आएंगी। वहीं भगवान गणोश के आशीर्वाद से सारे संकट जीवन से दूर होंगे।

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