G-KBRGW2NTQN 23 साल के रुद्रप्रयाग जिले की कमान संभाल चुके हैं 24 जिलाधिकारीअब 25वें जिलाधिकारी के स्वागत की तैयारी – Devbhoomi Samvad

23 साल के रुद्रप्रयाग जिले की कमान संभाल चुके हैं 24 जिलाधिकारीअब 25वें जिलाधिकारी के स्वागत की तैयारी

 

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी वंदना सिंह का मात्र कुछ महीनों में हुये तबादले के बाद अनेक तरह की चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। जिलाधिकारी अभी तक जिले की स्थिति को सही तरह से समझ भी नहीं पाई थी, इस बीच जिलाधिकारी को शासन में भेज दिया गया है। अब जिले में कोई नया जिलाधिकारी आयेगा और नये जिलाधिकारी को जिले की भौगोलिक स्थिति को समझने में ही कुछ समय लग जायेगा। ऐसे में जिले का विकास प्रभावित होना स्वाभाविक ही है।
शासन ने अचानाक ही गुरूवार सायं रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी वन्दना सिंह को डीएम रुद्रप्रयाग से हटाकर शासन में अटैच कर दिया है। आईएएस वन्दना को शासन ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक के कार्यालय से सम्बन्द्ध किया है, लेकिन जनता इस बात को लेकर हैरान है कि आखिर 6 माह के भीतर ही जिलाधिकारी को बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी है। मई महीने में मंगेश घिल्डियाल के रुद्रप्रयाग डीएम रहते हुये तीन वर्ष का समय पर हुआ तो उन्हें तत्काल प्रभाव से टिहरी जिले की जिम्मेदारी दी गई और सीडीओ पिथौरागढ़ आईएएस वंदना सिंह को जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की कमान सौंपी गई। 25 मई 2020 को आईएएस वन्दना ने 24वें जिलाधिकारी के रूप में रुद्रप्रयाग जनपद में कार्यभार संभाला था। आईएएस वन्दना सिंह जिले में तीसरी महिला जिलाधिकारी रही, लेकिन जिलाधिकारी बनने के बाद आईएएस वंदना सिंह को इस तरह से अचानक शासन में भेजा जाना समझ से परे है। आईएएस वंदना सिंह अभी जिले की परिस्थितियों को जान ही रही थी, लेकिन इस बीच अचानक से उन्हे शासन में भेजा गया है।
रुद्रप्रयाग जिला गठन को 23 वर्ष का समय हो गया है। इन 23 वर्षों में रुद्रप्रयाग की कमान 24 आईएएस संभाल चुके हैं। रुद्रप्रयाग जिले को ट्रैनी जिला भी कहा जाता है। अक्सर नये-नये आईएएस अधिकारियों को जिलाधिकारी की ट्रैनिंग लेने के लिये यहां भेजा जाता है। आईएएस वंदना सिंह से पूर्व रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी रहे आईएएस मंगेश घिल्डियाल के तबादले के बाद जनता काफी नाराज हुई थी। जनता की चाह थी कि मंगेश घिल्डियाल कुछ समय ओर जिले की कमान संभाले। जनता मंगेश घिल्डियाल के कायरें से काफी खुश थी। जनता के बीच मंगेश घिल्डियाल की एक अच्छी छवि बसी थी। यही कारण था कि उनके तबादले का पुरजोर विरोध हो रहा था। आईएएस वंदना सिंह को शासन में भेजने के पीछे यही तर्क दिया जा रहा है कि वह सक्रिय नहीं थी और मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा नहीं ले रही थी।

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