G-KBRGW2NTQN गैरसैंण में विकास को खर्च होंगे 25 हजार करोड़:सीएम – Devbhoomi Samvad

गैरसैंण में विकास को खर्च होंगे 25 हजार करोड़:सीएम

सीएम ने आंदोलनकारियों को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किया जाएगा कमेटी का गठन
गोपेर। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण परिक्षेत्र के विकास पर 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। उन्होने कहा कि अगले 10 साल के लिए गैरसैंण में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए रोड़मैप तैयार कर लिया गया है।
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण/भराड़ीसैंण में 21 वां राज्य स्थापना दिवस पर उन्होने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण परिक्षेत्र के विकास के लिए 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस आधार पर आधारभू विकास का रोड़मैप तैयार होगा। उन्होने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया।
उन्होने कहा कि शहीद राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। कहा कि 26 दलों की साझा सरकार होने के बाबजूद जिस सफल नेतृत्व के साथ अटल बिहारी बाजपेयी ने उत्तराखंड को समझा और राज्य गठन में अपनी भूमिका अदा की प्रदेश उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कहा कि उत्तराखंड का निर्माण दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से किया गया था। वह बहुत से दूरस्थ और सीमांत गांवों में गए हैं। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन बनाया है। सीएम ने कहा कि गैरसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी है। राजधानी के लिए जो जरूरी अवस्थापनात्मक विकास जरूरी होता है। कहा कि आज उत्तराखंड 21 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के भराङीसैण स्थित विधान सभा परिसर में हम संकल्प लेते हैं कि अपनी एक-एक बहन के सिर से घास का बोझ हटा देंगे। इसके लिए व्यापक स्तर काम चल रहा है। कहा कि यहां की माताएं और बहनें बहुत मेहनती हैं। कोशिश है कि इनका स्किल डेवलपमेंट कर आर्थिक तौर पर सशक्त किया जाए। रूरल ग्रोथ सेंटर प्रारंभ किए। 104 को स्वीकृति दी जा चुकी है और 40 से अधिक शुरू भी हो गए हैं। बहनों को सशक्त करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज दिया जा रहा है। राज्य में प्रकृति ने जो भी दिया है उनमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। कहा कि सरकार स्वरोजगार को अभियान के तौर पर ले रही है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण और अनुदान की व्यवस्था है।

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