भैयादूज को पौराणिक रीति रिवाज से बंद होंगे बाबा के कपाट
रुद्रप्रयाग। वि प्रसिद्ध धाम भगवान केदारनाथ के कपाट सोमवार यानी भैयादूज पर्व पर पौराणिक रीति रिवाज के साथ आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को 10 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। शीतकाल के छह माह तक पंचगद्दीस्थल ओंकारेर मंदिर ऊखीमठ में नित्य पूजाएं संपन्न होगी। देवास्थानम बोर्ड ने भी मंदिर के कपाट बंद करने को लेकर तैयारियां शुरू कर ली है। विप्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट आगामी 16 नवम्बर यानी भैयादूज को पौराणिक रीति रिजावों एवं परम्पराओं के अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बंद कर दिए जाएंगे। इसी दिन बाबा की उत्सव डोली अपने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना होगी। 17 नवम्बर को बाबा केदार की उत्सव डोली रामपुर से प्रस्थान कर फाटा, नारायणकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्र्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 18 नवम्बर को केदारनाथ की उत्सव डोली विश्र्वनाथ मंदिर से प्रस्थान कर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्र्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। जिसके बाद यहां गर्भस्थल में विराजमान होने के बाद शीतकाल के छह तक भक्तों को यहीं पर दर्शन देगें, तथा भगवान केदार की नित्य पूजा-अर्चना यहीं पर होगी। केदारनाथ के कपाट बंद करने को लेकर उत्तराखंड देवास्थानम बोर्ड ने तैयारियां शुरू कर दी है। मंदिर को दस कुन्तल फूलों से सजाने के साथ ही रंग बिरंगी लडियों से सजाया गया है।