आपदा में लाइफ लाइन बनी सड़क की हालत जर्जर
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ आपदा के दौरान लाइफ लाइन कहे जाने वाले मयाली-गुप्तकाशी मोटरमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने की है। मोटरमार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने से जहां यात्रियों की राह आसान होगी। वहीं राजमार्ग पर लगने वाले घंटो जाम से भी तीर्थयात्रियों को निजात मिलेगी। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने सीएम को भेजे ज्ञापन में कहा कि वर्ष 2013 की पल्रयकारी केदारनाथ आपदा को अभी तक भुलाया नहीं जा सका है। आपदा के दौरान लाखों लोगों को सकुशल उनके गंतव्य तक पहुंचाने में गुप्तकाशी-मयाली मोटरमार्ग ने देवदूत का काम किया था। यह मोटरमार्ग तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित हुआ था। आपदा के समय जिस मोटरमार्ग ने लाखों लोगों को जीवनदान दिया, आज उसकी सुध नहीं ली जा रही है। उन्होंने कहा कि मोटरमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने से तीन धामों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। जहां बद्री-केदार यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को सहूलियत मिलेगी, वही गंगोत्री धाम से आने वाले यात्री सीधे बद्री-केदार आ सकेंगे। उन्हें घनसाली-मयाली से सीधे मयाली-गुप्तकाशी आना पड़ेगा और उनका समय भी बचेगा। मोटरमार्ग के राजमार्ग घोषित होने से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी और यहां पर पड़ने वाले तीर्थस्थल व पर्यटक स्थलों का समुचित विकास होगा। स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे। गौरीकुंड राजमार्ग बांसवाडा डेंजर जोन होने से यहां पर यात्रियों को हमेशा परेशानी का सबब बन चुका है। जहां पर पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आ रहे हैं और राजमार्ग घंटों बंद हो रहा है। ऐसी स्थिति में यात्रा के दौरान गुप्तकाशी-मयाली लाभकारी सिद्ध होगा।