कोरोना संकट से अर्थव्यवस्थाएं चरमराई
हल्द्वानी। अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से रविवार को बुद्धपार्क में किसान पंचायत का आयोजन किया गया। प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा महासभा तीनों कृषि कानूनों बिजली के निजीकरण और वायु प्रदूषण से जुड़े दो अध्यादेशों को
सरकार से वापस लेने की मांग करती है। भाकपा माले के राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि कोरोना संकट की आड़ लेकर मोदी सरकार ने देश के संसाधनों के निजी व कारपोरेटीकरण को गति देने के लिए आर्थिक सुधारों के नाम पर एक के बाद एक काले कानूनों की झड़ी लगा दी। चार श्रम कोड बिलों के साथ ही खाद्यान्न का व्यापार व भंडारण को कारपोरेट के हाथ सौंपने सहित तीन कृषि कानून लाकर किसानों पर अपना एजेंडा थोप दिया। बिजली सुधार अध्यादेश 2020 के नाम पर सरकार बिजली विभाग के निजीकरण का प्रावधान ले आई। किसान नेता बहादुर सिंह जंगी ने कहा नए कृषि कानूनों के आने से किसान मंडी के बाहर बैठे कारपोरेट के दलालों के हाथ अपनी फसल कौड़ियों के भाव बेचने को मजबूर होंगे। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहने की बात कहकर किसानों को धोखा दे रही है। एक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा ने कहा कोरोना संकट से अर्थव्यवस्थाएं चरमराई हुई है। बेरोजगारी बढ़ी है। लोगों की क्रय शक्ति घट रही है। सरकार की नीतियों ने संकट को और बढ़ाने का काम किया है।