उत्तराखंड हाईकोर्ट में कई नियम बदले
नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर करने के सम्बंध में अब नए नियम लागू हो गए हैं। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनन्जय चतुव्रेदी की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना में इन नए नियमों की विस्तृत जानकारी दी गई है । हाईकोर्ट के न्यायधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ द्वारा दो हफ्ते पूर्व जारी एक आदेश के क्रम में ये नए नियम बनाये गए हैं। इस आदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिये रिट याचिका में कागज के कम से कम प्रयोग किये जाने को कहा गया था।
रजिस्ट्रार जनरल द्वारा आज जारी अधिसूचना के अनुसार अब याचिकाएं, अपील, प्रार्थना पत्र, शपथ पत्र, प्रति शपथ पत्र आदि दस्तावेज ए-4 साइज के पेपर में दायर करने होंगे और पेपर के दोनों ओर ¨पट्र होना आवश्यक है। याचिकाओं व अन्य शपथ पत्रों के साथ वे नियम, गजट, शासनादेश, नियमावलियां नहीं देनी होंगी जो इंटरनेट में उपलब्ध हैं। याचिका, प्रार्थना पत्र व अन्य के टाइ¨पग के लिये फॉन्ट साइज भी निर्धारित किया गया है। फ्रेश केस दायर करने का एक निर्धारित फॉम्रेट तैयार किया गया है और उसी फॉम्रेट में फ्रेश केस दायर होंगे। केस दायर करने का समय सुबह दस बजे से अपरान्ह डेढ़ बजे तक होगा। याचिकाओं में होने वाली कमी (डिफेक्ट) को ठीक (रिमूव) करने के लिए भी नियम निर्धारित कर दिए गए हैं। अज्रेट मामलों की सुनवाई के लिए अब प्रार्थना पत्र रजिस्ट्री कार्यालय में देने के बजाय सुबह कोर्ट के समक्ष अज्रेन्सी मेंशन करनी होगी। कोर्ट उसी समय मामले की सुनवाई का समय तय करेगी। इसके अलावा कई नए नियम याचिकाएं, जबाव, शपथ पत्र आदि दाखिल करने के सम्बंध में बनाये गए हैं। इसके अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट रूल्स 1952 जो उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में भी लागू हैं वे यथावत जारी रहेंगे।