सिर्फ दसवीं व 12वी की ही पूरी फीस ले सकेंगे प्राइवेट स्कूल
देहरादून। शासन ने निजी स्कूलों के द्वारा फीस वसूली पर स्पष्ट आदेश कर दिया है। सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुंदरम द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया है कि 10वीं व 12वीं के छात्रों को स्कूल आने के बाद पूर्ण शुल्क देना होगा, जबकि अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाई के बदले टय़ूशन फीस देनी होगी। महानिदेशक को भेजे गये इस आदेश में कहा गया है कि उच्च न्यायालय नैनीताल में योजित रिट याचिका रेड रोज कान्वेंट स्कूल व अन्य बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में पारित निर्णय के क्रम में फीस के लिए शासन ने यह निर्णय लिया है। 22 जून को दायर इस याचिका का निर्णय कोर्ट ने 3 दिसंबर को पारित किया। 10वीं एवं 12वीं की कक्षाओं के भौतिक रूप से संचालन की शासन स्तर से अनुमति दी जा चुकी है। इसलिए इन कक्षाओं के भौतिक रूप से विद्यालय संचालित होने की तिथि से पूर्ण फीस तथा उससे पूर्व लकडाउन की अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क जमा कराया जायेगा। अभिभावकों के अनुरोध पर फीस को किस्तों में जमा कराये जाने के सम्बन्ध में संस्थाओं के द्वारा सहानुभूतिपूर्वक सकारात्मक निर्णय स्वयं लिया जायेगा। आदेश में कहा गया है कि उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य कक्षाओं के लिये आनलाईन शिक्षण की अनुमति प्रदान की गई है, इसलिये अभिभावकों से मात्र शिक्षण शुल्क (टय़ूशन फीस) ही लिया जाये।