जाति-वर्ग से परे हैं भगवान राम : मोहित डिमरी
रुद्रप्रयाग। बच्छणस्यूं क्षेत्र के शकनेर महादेव क्वल्ली में तीन दिवसीय अखंड रामायण पाठ का शुभारंभ हो गया है। 26 जनवरी को जल कलश यात्रा और भंडारे के साथ ही धार्मिक अनुष्ठान का समापन होगा। इस मौके पर हनुमानजी की पताका और मूर्ति भी स्थापित की गई। अखंड रामायण के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि रामायण का अर्थ भगवान राम की यात्रा है। इससे हम बेहतर जीवन जीना सीख सकते हैं। रामायण से हम सीखते हैं कि किस तरह बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। भाइयों के बीच प्रेम,माता-पिता का सम्मान, गुरुजनों का सम्मान, यह हमें भगवान राम के आदर्श जीवन से सीखने को मिलता है। मोहित डिमरी ने कहा कि हमारे समाज में मर्यादा, संयम, अनुशासन, विनय, विवेक और लोकतांत्रिक मूल्यों का नाम राम है। भगवान राम जाति वर्ग से परे हैं। नर हों या वानर, मानव हों या दानव सभी से उनका करीबी रिश्ता है। अगड़े पिछड़े सब उनके करीब हैं। जो व्यक्ति संयमित, मर्यादित और संस्कारित जीवन जीता है, नि:स्वार्थ भाव से उसी में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदशोर्ं की झलक परिलक्षित हो सकती है। उन्होंने इस पवित्र अनुष्ठान में आमंत्रित करने के लिए महंत नंदूपुरी महाराज और बच्छणस्यूं क्षेत्र की जनता का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर उक्रांद के केंद्रीय प्रवक्ता देवेंद्र चमोली, उक्रांद के जिला महामंत्री भगत चौहान, उक्रांद के वरिष्ठ नेता बुद्धिबल्लभ ममगाई, सामाजिक कार्यकर्ता भरत पटवाल, विक्रम नेगी और बलवीर कठैत ने भी अपने विचार रखे।