G-KBRGW2NTQN राज्य के हर ब्लॉक में डिग्री कालेज खुलेगा:त्रिवेंद्र – Devbhoomi Samvad

राज्य के हर ब्लॉक में डिग्री कालेज खुलेगा:त्रिवेंद्र

अल्मोड़ा। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार राज्य के हरेक ब्लॉक में महाविद्यालय खोलेगी। इससे युवाओं को घर के नजदीक उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिल सके गा।नवोदित सोबन सिंह जीना विवि के नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में पहॅुचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा को सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। बृहस्पतिवार को सीएम ने कहा कि नवोदिन सोबन सिंह जीना विवि पहाड़ के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। विवि में अलग-अलग निर्माण कायरे के लिए 31.67 करोड़ की घोषणाएं की। इसमें विवि में 4.52 करोड़ की लागत से बनने वाले व्यावसायिक पाठय़क्रम वोकेशनल कोर्स विभाग का भवन, 5.25 करोड़ का प्रातिक संसाधन आंकड़ा प्रबंधन केंद्र एनआरडीएमएस का भवन, 4.30 करोड़ की लागत का योग विज्ञान विभाग का भवन, 1.60 करोड़ की धनराशि से एडवांस सेल एंड मौलिक्यूलर बायोलॉजी की स्थापना एवं 16 करोड़ की लागत से एसएसजे विवि के आवासीय परिसर हेतु स्वीकृत चार अकादमिक पाठय़क्रमों के लिए भवन निर्माण शामिल हैं। इस अवसर पर विवि की ओर से तैयार किए गए कुल 28 प्रस्ताव में से सीएम ने पांच की घोषणा की जबकि अन्य प्रस्तावों पर चर्चा के बाद निर्णय लेने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर सीएम रावत ने कहा कि राज्य में एक दर्जन सरकारी विवि हैं। उन्होंने कहा कि सिस्टम को ठीक करने के मजबूत कंधों की जरूरत है और यह हमारे युवा बेहतर ढंग से कर सकते है। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिकी मजबूत करने के लिए विवि में अध्ययन जरूरी है इसके लिए हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करना होगा।
महिलाओं के सिर का बोझ कम किया जाएगा : सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि पहाड़ों खासतौर पर महिलाओं का जीवन दुारियों से घिरा रहता है। महिलाओं को तमाम तरह के जोखिम से भरे काम करने पड़ते है। विशेषकर लकड़ी-घास इत्यादि को लेने के लिए जंगलों में जाना पड़ता है। कई बार महिलाएं अकाल मौत का शिकार हो जाती है जिसमें जंगली जानवरों का आतंक समेत अन्य हादसे शामिल है। कहा कि मोदी सरकार ने लकड़ी की गठरी को उज्ज्वला योजना के तहत काफी हद तक दूर कर दिया है। और अब राज्य सरकार घास की गटठरी को हटाने के लिए 5 सालों के लिए योजना तैयार कर रही है ताकि आधी आबादी को अकाल मौत से बचाया जा सके। कहा कि राज्य में 71 फीसदी डिलवरी इंस्टीट्यूशनल हो पाती है, जबकि, 29 फीसदी डिलवरियां आज भी छानियों में होती आईं है। इसके लिए भी सरकार चरणबद्ध योजनाओं को तैयार कर जच्चा बच्चा की सुरक्षा का प्रतिबद्धता दिखा रही है।

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