कमल का मोह छोड़, झाडू थामेंगे रविंद्र जुगरान
– कल देहरादून में करेंगे आम आदमी पार्टी की ज्वाइंनिंग
– क्या जुगरान होंगे आप के सर्वमान्य चेहरा?
आखिरकार लंबे समय तक भाजपा के दमघोटूं माहौल में रहने के बाद राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने कमल का मोह त्याग कर आम आदमी पार्टी का झाडू उठाने का फैसला कर लिया। उनके मुताबिक वह कल राज्य प्रभारी दिनेश मोहनिया के समक्ष पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। उनका कहना है कि प्रदेश में एक वैकल्पिक राजनीति की जरूरत है और उन्हें लगता है कि आप अधिक पारदर्शी और जन सरोकारों से जुड़ी पार्टी है।
रविंद्र जुगरान पिछले कुछ समय से लगातार भाजपा सरकार पर सवाल उठा रहे थे। उनके आक्रामक हमलों से भाजपाई परेशान थे लेकिन चुप्पी साधे थे क्योंकि वो भाजपा में थे। अब उनके आम आदमी पार्टी में जाने से राज्य आंदोलनकारी और उत्तराख्ंाड क्रांति दल के लोग अंचभित हैं। हालांकि यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि यूकेडी ने अपने दो नेताओं काशीसिंह ऐरी और दिवाकर भट्ट के इर्द-गिर्द लक्ष्मण रेखा खींची हुई है और वो किसी भी हालात में इससे बाहर आने के लिए तैयार नहंी हैं। हालांकि यूकेडी कुछ युवा नेता ने यूकेडी में प्राण फूंकने की कोशिश कर रहे हैं।
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में पिछले दिनों अच्छी धमक बनाई है। आप का अब तक यह ड्रा-बैक रहा है कि उनके पास प्रदेश में कोई सर्वमान्य नेता नहीं है। रविंद्र जुगरान के पार्टी में एंट्री से आप को निश्चित तौर पर बल मिलेगा, क्योंकि जुगरान न सिर्फ राज्य आंदोलनकारी रहे हैं, बल्कि उनकी छवि स्वच्छ है। हालांकि यह तय नहीं है कि आप में उनकी क्या भूमिका होगी, लेकिन इस एंट्री से आप प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक बहस का विषय बन गयी है। यानी प्रचार-प्रसार में आम आदमी पार्टी ने खासी बढ़त बना ली है। मनीष सिसोदिया-कौशिक बहस प्रकरण और स्कूलों की हकीकत से भाजपा की खूब फजीहत हुई है। नेताओं के घोर अभाव, विजनरी नेतृत्व न होना और गुटबाजी से कांग्रेस संक्रमण काल से गुजर रही है। राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के मन में यह सवाल कौंध रहा होगा कि ऐसे माहौल में क्या जुगरान आम आदमी पार्टी के तारणहार बनेंगे?