वन्य जीवों के आंतक और बंजर होती जमीन की लोस में गूंज
हल्द्वानी। उत्तराखंड के पहाड़ों में जंगली जानवरों के आतंक और बंजर होती जमीन का मामला एक बार फिर लोस में गूंजा। नैनीताल ऊधमसिंह सांसद अजय भट्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में नीति निर्धारण और राज्य को ग्रीन बोनस देने की मांग की है। सांसद के दावा किया है कि इस समस्या का निस्तारण करने के लिए जिला प्रशासन, राज्य,केंद्र को समन्वय बनाकर काम करना होगा। यह जानकारी सदन में सवाल उठाने के बाद भट्ट ने दी। उन्होंने बताया कि लोकसभा सदन में नियम 377 के अधीन यह मामला उठाया गया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड बन बाहुल्य क्षेत्र है। पिछले बीस साल में यहां मानव वन्यजीव संघर्ष में तेजी आयी है। वन्यजीवों के हमले में सैकड़ों लोग अपनी जान गवा चुके हैं। जंगली जानवरों के कारण फसलों का व्यापक नुकसान हो रहा है। बंदल, ,लंगूर लोगों के घरों तक घुस रहे हैं। वन्यजीवों के आतंक के कारण लोग खेती कर पाने में असमर्थ होने लगे हैं। मजबूरी में लोग फसल परिवर्तन क्रॉप पैटर्न चेंज कर रहे हैं। इससे भुखमरी की समस्या उत्पन्न होने का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि सदन के माध्यम से केंद्र सरकार से समस्या की गंभीरता को समझने का अनुरोध किया गया। यही नहीं समस्त हित धारक, नीति निर्माताओं से इस समस्या का हल खोजने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि सदन में सोलर फेंसिंग तार-वाड़ का भी सुझाव दिया गया है। उन्होंने बताया कि इको टूरिज्म, पर्यावरण सेवा के लिए उत्तराखंड को ग्रीन बोनस देने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने पहाड़ों में खेती की सुरक्षा और मानव वन्य जीवन संघर्ष को खत्म करने के लिए वन्य जीव कानूनों में भी बदलाव पर जोर दिया है। सांसद का दावा है कि केंद्र सरकार की ओर से जल्दी ही इस मामले में ठोस आासन मिलने की उम्मीद है।