रैणी पुल ध्वस्त, सीमांतवासी अलग-थलग
गोपेर। नंदा देवी पर्वत से ग्लेशियर फटने से हुई तबाही में रैणी में स्थित मोटर पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गया है। इसके चलते दर्जनों गांवों समेत बार्डर का संपर्क शेष दुनिया से कट गया है। रैणी गांव में हुई भारी तबाही के चलते नीती-मलारी बार्डर को जाने वाली सड़क का मोटर पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गया । इसके चलते लाता, सुराईठोठा, तोलमा, सूकी, भलगांव, लौंग, तमक, जुगजू, रैणी पल्ली, पैंग, मुरंडा तथा फागती गांव शेष दुनिया से कट गए हैं। इस क्षेत्र के लोग बारहमास यहीं रहते हैं। इसलिए भारी वर्फबारी के बीच यहां के लोग अब शेष दुनिया से भी कट गए हैं। चीन सीमा पर तैनात सेना तथा अर्धसैनिक बलों के जवान भी फिलहाल शेष दुनिया से अलग-थलग पड़ गए हैं। रैणी-जुगजू पैदल पुल भी इस आपदा के कारण ध्वस्त हो गया है। इसके साथ ही तपोवन से भंग्यूल जाने का पुल भी ढह गया है। रैणी के ऐतिहासिक काली मंदिर का अस्तित्व ही इस आपदा के कारण समाप्त हो गया है।