जोशीमठ। नंदा देवी वायोस्फियर क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में अभी तक 25 लोगों को सकुशल निकाल दिया गया है तो 19 शव भी बरामद कर दिए गए हैं। इसके बावजूद अब भी 202 लोग लापता चल रहे हैं। जिला आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को काफी मशक्कत के बावजूद 25 लोगों को सुरक्षित निकाल दिया गया। इसके साथ ही 19 लोगों के शव बरामद हो गये हैं । अन्य लोगों को ढूंढने के प्रयास भी तेजी से चल रहे हैं। अब भी टनल में फंसे लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है। इस मामले में रेस्क्यू में जुटी टीमों को जान हथेली पर रख कर काम करना पड़ रहा है। हालांकि अब भी टनल में फंसी जिंदगियों को निकालना चुनौती बनी है। इस बीच 19 लोगों के शव भी मिल गए हैं। शवों में अधिकांश की पहचान नहीं हो रही है। हालांकि इसके लिए प्रयास जारी हैं। बताते चलें कि रविवार को आई आपदा में ऋ षि गंगा पर 13 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट तथा धौलीगंगा पर 520 मेगावाट की तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। आपदा के सैलाव से परियोजना में काम रहे लोग लापता हो गए। इनकी संख्या 202 बताई जा रही है। अभी भी कई और लोगों के लापता होने की आशंका है। प्रत्यक्षदर्शियों का अनुमान है कि लापता लोगों की संख्या इससे अधिक हो सकती है। राहत व बचाव कार्य के लिए सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा स्थानीय पुलिस काम में जुटी हुई हैं। हालांकि तबाही के कारणों का पता विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा। हिम पल्रय के बीच आए सैलाव से राहत व बचाव कार्य में मौसम साथ दे रहा है। सोमवार को भी मौसम सुहावना रहा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रविवार को भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचे और सोमवार को भी वे यहां पहुंच कर हालातों से निपटने में जुटे हुए हैं। हालांकि 13 गांव का संपर्क रैणी गांव के पास पुल ध्वस्त होने से कट गया है। इसके बावजूद बीआरओ, बैली ब्रिज बनाने के प्रयासों में जुट गई है। इसके लिए तैयारियों की कवायद चल रही है।