हरिद्वार व रुद्रप्रयाग नहर निर्माण घोटाले की जांच का जिम्मा संयुक्त सचिव सिंचाई को
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार व रुद्रप्रयाग जिले में सिंचाई नहर निर्माण में करोड़ों के घपले के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश पर सचिव सिंचाई ने संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी को जांच सौंपी है। बताते चलें कि नाबार्ड के माध्यम से रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक में ग्रामीण अवसंरचना विकास निाि के अंतर्गत 18 किलोमीटर लंबी लस्तर बायें नहर निर्माण परियोजना के लिए मार्च 2012 में 9. 84 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी। इसके सापेक्ष पाइपों पर खर्च 2.42 करोड़ रुपये की राशि निष्क्रिय व्यय किए जाने व परियोजना के अन्य घटकों पर 46.31 लाख का निष्फल व्यय किए जाने में अनियमितता की शिकायत शासन के पास आई थी। इस पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद सिंचाई विभाग के संयुक्त सचिव जेएल शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। इसमें सिचांई विभाग के मुख्य अभियंता जयपाल सिंह और वित्त नियंत्रक कविता नाम्बियाल को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी दो सप्ताह में इन अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। हरिद्वार के लक्सर मे विकासखंड में स्थित सुभाषगढ़ सिंचाई नहर की निर्माण के लिए एआईवीपी के अंतर्गत 6 करोड़ 95 लाख 98हजार रुपये की स्वीकृति दी गई थी। योजना में प्रस्तावित कायरे के सापेक्ष किए गए भौतिक कायरे का लाभ किसानों को नहीं मिल सका। यानी नहर निर्माण के बावजूद किसानों को पानी नहीं मिल सका। इस शिकायत पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच बिठाई गई है।