देहरादून। भराड़ीसैंण बजट सत्र से लौटने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा है कि कांग्रेस ने बतौर विपक्ष जनहित के अधिकतर विषयों पर सदन में सवाल खड़े किये। रविवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रीतम सिंह ने प्रेस से बात करते हुए दावा किया कि विपक्ष ने सदन के भीतर जनहित के सभी मुद्दों को बहुत मजबूती के साथ उठाया। वह चाहे मंहगाई हो, बेरोजगारी हो, किसानों का मुद्दा हो या फिर घाट क्षेत्र के आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज, आपदा प्रबन्धन या गन्ना किसानों का मुद्दा। प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार का सदन के अन्दर प्रदर्शन देखकर इस बात का अंदाजा हो गया था कि सरकार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है और उसकी पुष्टि शनिवार को देहरादून में सियासी भूचाल से हो गई। प्रीतम ने कहा कि सदन में कोई भी मंत्री प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पाया तथा हर मुद्दे पर या तो हास्यास्पद जवाब देते हुए नजर आये या मंत्री घिरे। प्रीतम सिंह ने कहा कि बजट जैसे गम्भीर मुद्दे पर भी जिस तरह से सीएम रावत और उनके विधायक सत्र को बीच में छोड़कर देहरादून तलब किये गये वह भाजपा के भीतर चल रहे तूफान की ओर इशारा करता है। प्रीतम सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अब तक सिर्फ विपक्ष इनके चार साल के कार्यकाल को निष्क्रिय एवं पूर्ण रूप से असफल बता रहा था। नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर प्रीतम सिंह ने कहा कि यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, लेकिन मात्र नेतृत्व परिवर्तन से भाजपा के किये हुए कुत्य या पाप धुलने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उत्तराखण्ड की जनता का अपमान किया है। जिस भोली-भाली जनता ने भाजपा को प्रचण्ड बहुमत एवं डबल इंजन वाली सरकार दी भाजपा ने कदम-कदम पर उस जनता को निराश किया। आज बेरोजगारी के चलते चाहे प्रदेश का हताश व निराश युवा वर्ग हो, चाहे महिलाओं के प्रति बढते अपराध हों, चाहे किसानों की आत्महत्या के मामले हों। जिला विकास प्राधिकरणों का गठन हो, भू-कानून में बदलाव कर भू माफियाओं को संरक्षण का मामला हो, देवस्थानम बार्ड का गठन हो, बढ़ती हुई मंहगाई हो या कोरोना काल में सरकार की निष्क्रियता व लचर स्वास्थ्य सेवाओं का मामला।