देहरादून। मंत्रिपरिषद की शपथ के तुरंत बाद आज तीरथ सिंह रावत मंत्रिपरिषद की पहली बैठक हुई, इस बैठक में दो बड़े फैसले लिये गये। कोविड महामारी के दौरान आपदा एक्ट में दर्ज हुए सभी मुकदमे वापस लिये जाएंगे। मंत्रिपरिषद ने दूसरा फैसला जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों को लेकर भी लिया। इसका परीक्षा किया जाएगा और इसके लिए मंत्रिमंडलीय समिति बनायी गयी है। राजभवन में मंत्रियों की शपथ पूरी होने के तुरंत बाद बीजापुर गेस्ट हाउस के सेफ हाउस में तीरथ सिंह रावत मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक से पहले संगठन के नये अध्यक्ष मदन कौशिक व प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार व सह प्रभारी रेखा वर्मा के साथ नयी कैबिनेट का परिचय कराया गया। इसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के बाद मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि आज की बैठक में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। कोविड नियमों के उल्लंघन के कारण दर्ज महामारी अधिनियिम व आपदा प्रबंधन अधिनिम्म में दर्ज सभी मुकदमे वापस होंगे। उन्होंने बताया कि प्रवासियों के खिलाफ डेढ सौ मुकदमे थे। उन्होंने बताया कि उस दौरान जो भी मुकदमे आपदा प्रबंधन व महामारी एक्ट में लिखे गये वे वापस होंगे। इसके अलावा 2016 में क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण बने थे। उनके संबंध में निर्णय लिया है कि प्राधिकरणों को मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार स्थगित कर दिया है। बाकी अधिकार उनका पहले वाला रहेगा। इस पूरी स्थिति की समीक्षा करने के लिए मंत्रिमंडल की उप समिति गठित की है, जिसके अध्यक्ष बंशीधर भगत व सदस्य सुबोध उनियाल व अरविंद पांडेय रहेंगे। ओम प्रकाश ने बताया कि 2016 के बाद बनाये गये प्राधिकरणों का परीक्षण उप समिति करेगी।