वनाग्नि से धधका प्रदेश, अब तक 14 सौ हेक्टेयर जंगल स्वाहा
देहरादून। शुष्क मौसम के चलते एक बार फिर वनाग्नि ने रौद्र रूप दिखाया है। इस बार भी 1995 की तरह दावानल ने करीब-समूचे प्रदेश को चपेट में ले लिया है। मौसम को देखते हुए अभी आग पर तत्काल काबू पाया जाना मुमकिन नहीं लग रहा है। हालांकि केंद्र से दो हेलीकाप्टर आग बुझाने के लिए देने की बात कही है, लेकिन आग ने जितने बड़े क्षेत्र को जकड़ रखा है उसको बुझाना आसान नहीं है। वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार एक अक्टूबर से 4 अप्रैल तक आग की घटनाओं पर नजर डालें तो अब तक 1359.83 हेक्टेयर वन क्षेत्र धधक चुका है। जिसमें आरक्षित वन क्षेत्र 890 हेक्टेयर व सिविल सोयल व वन पंचायत के क्षेत्र 469 हेक्टेयर हैं। आग लगने की कुल 1028 घटनाएं रिकार्ड में आ चुकी हैं, जिसमें से 610 गढ़वाल व 386 कुमाऊं मंडल के साथ ही 32 घटनाएं वन्यजीव अभ्यरणोंमें हुई हैं। कल तक की सूचना के अनुसार चार लोग दावानल की भेंट चढ कर असमय मौत के मुंह में समा चुके हैं, जबकि दो लोग घायल भी हुए हैं। इसी तरह सात पशुओं की मौत व 22 घायल हुए हैं। वन विभाग ने नुकसान का जो आकलन किया है वह एक अक्टूबर से अब तक 39,46,986 रुपये का है। जबकि पिछले 24 घंटे में ही आग ने कुल 68.7 हेक्टेयर वन क्षेत्र को लील लिया है और 1,17400 रुपये का नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग से जो फीडबैक मिला है, उससे भी बहुत राहत की संभावना नहीं है। अगले 24 घंटों में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेर व देहरादून जनपदों में बहुत हल्की से हल्की बष्रा का अनुमान लगाया गया है, जो वनाग्नि को बुझाने के लिए पर्याप्त नहीं है।