केंद्रीय मंत्री रिजिजू और सीएम ने किया एडवेंचर इंस्टीट्यूट का लोकार्पण
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, केंद्रीय युवा एवं खेल राज्य मंत्री किरेन रिजिजू और डीजी एसएस देसवाल ने शुक्रवार को टिहरी झील किनारे कोटी कालोनी में वाटर स्पोर्ट्स एडवेंचर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आईटीबीपी के जवानों ने टिहरी बांध की झील में कनोईंग, कयाकिंग और रोईंग का प्रदर्शन किया।
गौर हो कि आईटीबीपी की ओर से अकादमी का संचालन किया जा रहा है। इस मौके पर टिहरी सासंद माला राज्य लक्ष्मी शाह भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ये इंस्टीट्यूट टिहरी के लिए एक सौगात है। आइटीबीपी को सरकार से किसी भी तरह की मदद की जरूरत होगी तो सरकार हरसंभव मदद करेगी। इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय खेल राज्यमंत्री किरेन रिजिजू उत्तरकाशी की नेलांग वैली के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने समुद्र सतह से साढ़े बारह हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित अग्रिम पोस्टों पर तैनात आईटीबीपी के हिमवीरों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि पिछले छह दशकों से आईटीबीपी के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा में जुटे हैं। चाहे कैसी भी विपरीत परिस्थितियां हो, आईटीबीपी के जवानों ने हमेशा अपनी जान की परवाह न करते हुए उच्च स्तर पर बचाव और राहत कार्यों को अंजाम दिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण आपदाओं के समय देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। इसके मद्देनजर ही टिहरी झील क्षेत्र में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों के लंबे गौरवशाली इतिहास और अनुभव को देखते हुए इस संस्थान के संचालन और प्रबंधन का कार्य आईटीबीपी को सौंपने का निर्णय लिया गया है। यहां पर पैराग्लाइडिंग, पैरा मोटर, स्कूबा ड्राइविंग, हाॅट एयर बैलून, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग, रैपलिंग और ऑल टेरेन बाइक सहित कई साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने आईटीबीपी को इस संस्थान के संचालन के लिए राज्य सरकार से जो भी सहयोग चाहिए।.मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन के विकास के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा भीमताल, अल्मोड़ा, सतपुली, टिहरी आदि स्थानों पर समय-समय पर विभिन्न साहसिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि टिहरी में पलायन को रोकने के लिए पर्यटन एवं साहसिक गतिविधियों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। टिहरी झील इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित की जा रही है। उन्होंने जनता से फिटनेस को अपना मूलमंत्र बनाने और सभी को इसके लिए जागरूक करने का अपील की।