दफ्तरों में कर्मचारियों की 50 फीसद उपस्थिति के आदेश
देहरादून। प्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण के चलते सरकार के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। सरकार ने जहां नाइट कर्फ्यू की अवधि बढ़ाकर शाम सात से सुबह पांच बजे तक किया है। जबकि सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति को घटाकर 50 फीसद कर दिया है। हालांकि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कुंभ मेला यथावत रहेगा। मुख्य सचिव द्वारा जारी एसओपी में आज कहा गया है नाइट कर्फ्यू को बढ़ाकर शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक कर दिया गया है। रविवार को साप्ताहिक बंदी पूर्ववत जारी रहेगी। सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों समूह ग व घ की उपस्थिति 50 फीसद कर दी गयी है। रात्रि कर्फ्यू से उन लोगों को छूट होगी जो बाहर से रेल, हवाई जहाज और बसों से लौट रहे हैं। इसके अलावा कार्यस्थल से घर जाने वालों को भी रात्रि कर्फ्यू से छूट रहेगी। जिम, स्विमिंग पूल व स्पा को पूर्ण बंदी के आदेश जारी किये गये हैं। नगरीय क्षेत्र में दोपहर दो बजे बाद आवश्यक सेवा वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों को छोड़कर अन्य संस्थान बंद कर दिये जाएंगे। सभी सरकारी शिक्षण संस्थान जिसमें विद्यालय, कालेज, पालिटेक्निक व कोचिंग संस्थान बंद रखे जाएंगे।
रोकथाम के दृष्टिगत प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में सावधानी बरतने के सम्बन्ध में बचाव के लिए निर्देश जारी किये गये हैं। इनका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में तैनात समूह ग एवं घ के कार्मिकों (आवश्यक सेवाओं वाले विभागों को छोड़कर) की उपस्थिति को 50 प्रतिशत तक रोटेशन के आधार पर सीमित रखा जायेगा। अगले आदेश तक यह व्यवस्था लागू रहेगी। ऐसी महिला कार्मिक जो गर्भावस्था में हो अथवा जिनकी संतान 10 वर्ष से कम उम्र की हो, उन्हें भी केवल अपरिहार्य परिस्थितियोंमें ही कार्यालय बुलाया जाएगा। इसी प्रकार 55 वर्ष से अधिक आयु अथवा गंभीर बीमारी से ग्रसित कार्मिकों को भी अपरिहार्य परिस्थिति के अलावा कार्यालयों में नहीं बुलाया जाएगा। इसके अलावा राज्य के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत दृष्टिबाधित एवं दिव्यांग कार्मिकों में कार्यरत एवं अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर) को कार्यालय में उपस्थिति से छूट रहेगी लेकिन शासकीय हित में आवश्यकता पड़ने पर किसी भी कार्मिक को कार्यालय में बुलाया जासकेगा। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि जहाँ तक सम्भव हो, बैठके वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही की जायें। यदि वीडियो कन्फ्रेसिंग सम्भव न हो तो बैठक की अवधि यथासंभव कम से कम रखी जाये। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।