G-KBRGW2NTQN केजरीवाल चाहें तो जल्द मिल सकती है दिल्ली को ऑक्सीजन – Devbhoomi Samvad

केजरीवाल चाहें तो जल्द मिल सकती है दिल्ली को ऑक्सीजन

किसान आंदोलन बना बाधा
दिल्ली की सीमाओं को घेरे किसानों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति को प्रभावित किया है। सीएम केजरीवाल केंद्र सरकार से गुहार तो कर रहे हैं कि दिल्ली में स्थिति बेकाबू हो गई है, ऑक्सीजन कुछ ही घंटों के लिए बची है। मदद करो सरकार लेकिन वे उन किसानों से यह नहीं कह पा रहे हैं कि सिंधु, टिकरी और गाजीपुर बार्डर की एक -एक  लेन खाली कर दें
दिल्ली में ऑक्सीजन मुख्य रूप से पानीपत और मोदीनगर से होती है। दोनों जगहों से दिल्ली आने में सौ किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर टैंकर दिल्ली पहुंच पा रहे है। सौ किमी दूरी का सीधा मतलब है दो से चार घंटा फालतू। जब मरीजों की सांसें उखड़ रही हों, उस स्थिति में ऑक्सीजन के लिए एक एक मिनट कीमती होता है। लेकिन केजरीवाल बॉर्डर पर डटे किसानों से रास्ता खाली करने को नहीं बोलेंगे, क्योंकि उन्होंने ही किसानों को वहां बिठाया है, उन्हें सुविधाएं मुहैया कराई है, उनके लिए बिजली, पानी का फ्री इंतजाम किया है।
पानीपत से आ रहा ऑक्सीजन टैंकर पूरे सौ किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर दिल्ली पहुंच रहा है। इतनी देर में कितने मरीजों की सांसें उखड़ रही होंगी, प्राण वायु के बिना, अंदाजा लगाया जा सकता है लेकिन ऑक्सीजन टैंकर को जल्दी दिल्ली पहुंचने के लिए केजरीवाल कुछ नही कहेंगे। केंद्र सरकार को जरूर कोसेंगे, कि केंद्र ऑक्सीजन मुहैया नहीं कर रहा है। यह अलग बात है कि केंद्र से कोरोना से लड़ने के लिए जो फंड मिल रहा है, वह टेलीविजन चैनल और अखबारों में अपना चेहरा दिखाने में खूब खर्च हो रहा है। इस फंड से कई मीडिया घराने चल रहे हैं, इसलिए वे भी किसान आंदोलन के कारण हो रही समस्या की तरफ से मुंह फेर कर जुगाली कर रहे हैं। अब केजरीवाल उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं। दिल्ली का मॉडल वे यहां भी लाना चाहते हैं। सपने उसी तरह के रंगीन दिखाए जा रहे हैं। अगर यही मॉडल यहां लागू होना है तो कृपया maf करें। यहां के स्वाभिमानी लोग सिर्फ किसी व्यक्ति विशेष का चेहरा टीवी चैनल पर देखने के बजाय मूल समस्या का समाधान चाहेंगे। क्या सोच रहे है आप। अपनी राय जरूर व्यक्त करें।
विजय पंवार

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