शादी की खुशी में प्रकृति को भी शामिल किया
भौतिकता व दिखावे से जहाँ एक और लोगो में अंधी दौड़ बनी रहती है वही कुछ लोग इससे इतर अपने को प्रकृति के साथ बनाये रखने में खुशी का अनुभव करते है। महामारी के इस संकट के समय में भी शादी बराते खूब धूम धाम से हो रही है और कोरोना प्रोटोकॉल को लोग भूल जा रहे है जोकि खतरनाक है। लेकिन कुछ लोग पूरा सामंजस्य बनाकर छोटी रश्म अदा कर ही समाज मे जहाँ खुद सुरक्षित रह रहे है बल्कि औरो के लिए प्रेरणा का काम भी कर रहे है। जनपद पिथोरागढ़ के तहसील बेरीनाग के चौडमन्या के ग्राम नागोर-बसैत निवासी नरेश चंद्र कोठारी एवं निर्मला कोठारी ने अपने पुत्र की शादी सादगी के साथ की। प्रकृति प्रेमी व पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को समर्पित प्रेम प्रकाश उपाध्याय ‘नेचुरल’ के आवाह्न पर वर -वधु ने सारी रश्म पूरी होने के बाद परिजनों सहित पौधरोपण किया। आम,अमरूद, बट, बेर,कदली के वृक्षो को बचाने का प्रयास करने का भी वादा किया गया। वर -वधू चेतन दीप्ति ने इसे अपने नए जीवन की शानदार शुरुवात बताया और आगे भी इसको बनाये रखने की इच्छा जाहिर की।आज हमें पेड़ों की महत्ता को समझना ही होगा। ऑक्सीजन देने वाले ये पेड़ हमारे लिए किसी वरदान से कम नही है। वायुमंडल में साफ व शुद्ध हवा हो इसीलिए हमें अपनी हर खुशी को प्रकृति के साथ सांझा करने की आदत डालनी पड़ेगी
प्रेम ‘नेचुरल’ की इस पहल पर सभी लोगो ने बेहद खुशी व्यक्त की। गाँव वालों ने इस परंपरा को आगे भी बनाये रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
पौधरोपण के इस कार्यक्रम में बर बधू, चेतन, दीप्ति सहित, रवि शर्मा , दकशीष उपाध्याय,दिनेश उप्रेती,बसंत पंत, हेमंत कोठारी, गणेश कोठारी, नवीन कोठारी,महेश पंत ,दीपक नेवालिया,गीता, मंजू सहित काफी लोग मौजूद रहे। पूरे कार्यक्रमो में कोविड के नियमों का पूरा ध्यान रखा गया।