देहरादून। सचिव, ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने आज कहा कि बिजली कार्मिकों द्वारा इन कठिन परिस्थितियों में जिस प्रकार पूर्ण मनोयोग एवं तत्परता से कार्य किया जा रहा है वह अत्यन्त सराहनीय है। सचिव, ऊर्जा ने कर्मचारी संगठनों को यह भी स्पष्ट किया गया कि उत्तराखण्ड शासन की नीतियों के तहत शासनादेश से पूर्णत: स्पष्ट है कि यदि किसी कार्मिक की कोरोना वारियर के रूप में कार्य करते हुए दुर्भाग्यवश जीवन हानि होती है तो उनके परिजनों को दस लाख रूपये की राहत राशि देय होगी। यही नहीं उनके द्वारा ऊर्जा प्रबन्धन को पूर्व में ही निर्देशित किया जा चुका है कि यदि कोई ऊर्जा कार्मिक अपने दायित्वों के निर्वहन के दौरान कोरोना संक्रमित हो जाते हैं अथवा दिवंगत हो जाते हैं तो उन्हें अथवा उनके परिजनों जैसी भी स्थिति हो, को तदनुसार राहत राशि अनुमन्य करने के अतिरिक्त यथा सम्भव अन्य सहायता भी प्रदान की जाये।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों के कार्मिकों के लगातार संक्रमित होने के दृष्टिगत तीनों निगमों के प्रबन्ध निर्देशकों को निर्देशित किया जा चुका है कि वे अपने-अपने निगमों के द्वारा प्रदेश के भीतर प्रतिष्ठित चिकित्सकों का पैनल तैयार करें, जिनसे सम्बन्धित संक्रमित कार्मिक टेलिमेडिकेयर परामर्श सुविधा प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही यह भी निर्देशित किया गया है कि कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु कोविड-19 के टीकाकरण हेतु पोर्टल पर कार्मिकों का पंजीकरण सुनिश्चित कराते हुए उनका ससमय टीकाकरण करवाने की कार्यवाही हेतु यथासम्भव प्रयास किये जायें। साथ ही जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग से सम्पर्क स्थापित कर ऊर्जा निगमों के मुख्यालय जनपद स्तरीय कार्यालयों पर टीकाकरण हेतु कैम्प लगवाने की कार्यवाही हेतु भी प्रयास सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने कहा कि तीनों ऊर्जा निगमों के प्रबन्ध निदेशकों को यह भी निर्देशित किया गया कि कर्मचारी संगठनों से प्राप्त मांग पत्रों पर विचार किये जाने हेतु कर्मचारी संगठनों के साथ वार्ता की जाये तथा जायज मागें, जो प्रबन्धन स्तर की हैं, पर कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए शासन स्तर से सम्बन्धित मांगें अपनी संस्तुति सहित शासन को संदर्भित की जाये, ताकि कर्मचारी संगठनों का मनोबल बना रहे और सभी कार्मिक अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्व की भांति पूर्ण मनोयोग एवं तत्परता से करते रहें।