सिटी स्कैन के लिए मनमानी वसूलने पर सरकार से मांगा जवाब
नैनीताल। उच्च न्यायालय ने प्राइवेट अस्पतालों व लैबों द्वारा कोरोना के समय सिटी स्कैन का पीड़ितों से मनमाने ढंग से पैसा वसूलने, ऑक्सीजन कंसेंटेटर का आवश्यक वस्तु की श्रेणी में नहीं रखने और आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट एसओपी के मानकों के खिलाफ आने के संबंध में मुख्य न्यायाधीश को अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह द्वारा लिखे पत्र का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई नौ जून को होगी। मामले की सुनवाई आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना के समय प्राइवेट हस्पिटलों व लैबों में पीड़ितों से सिटी स्कैन का मनमाने ढंग से पैसा लिया जा रहा है। उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा है कि ऑक्सीजन कंसेंटटर को सरकार ने आवयक वस्तु की श्रेणी में नहीं रखा है। साथ में यह भी कहा है कि आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए एसओपी के मानकों के अनुरूप नहीं आ रही है।