पिथौरागढ़। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि पहले हम लोग प्रदेश के दो-तीन जिलों या शहरों में ही आधुिनक चिकित्सा व्यवस्था पर निर्भर थे, लेकिन आज हम प्रदेश के हर जिले में आक्सीजन प्लांट के लिए प्रयासरत हैं। यही नहीं यह सुविधा सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी मिले इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं, ताकि दूरदराज व गांवों के लोगों को भी जिला मुख्यालय जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले करीब डेढ़ महीने में ऑक्सीजन प्लांट हों, आईसीयू बेड हों या फिर वेंटिलेटर की सुविधा हो, कहीं यह चार गुना बढ़ी हैं, कहीं नौ तो कहीं 10 गुना बढ़ी हैं। इसी का परिणाम है आज कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है और ऑक्सीजन बेड खाली दिख रहे हैं। मुख्यमंमत्री तीरथ सिंह ने यह बात रविवार को पिथौरागढ़ में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहीं। अपने दो दिवसीय पिथौरागढ़ भ्रमण पर मुख्यमंमत्री रविवार को अपरान्ह करीब पौने तीन बजे जिला मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंता की है। हमने विधायकों से भी एक-एक करोड़ इसमें लगाने के लिए कहा है। हमारे विधायक और मंत्री कोरोना की समस्या से पूरी तरह जूझ रहे हैं। सीएम ने कहा कि हमारे पास वैक्सीन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और हम पूरी तरह से आगे बढ़ रहे हैं। इससे पूर्व नैनीसैनी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पहले मुख्यमंत्री सीधे जिला बेस चिकित्सालय गए, जहां उन्होंने कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण कर ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट भवन तथा आरटी-पीसीआर लैब के कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने बेस में भर्ती कोविड मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बेस चिकित्सालय में 26 लाख 92 हजार रुपये से बनने वाले ऑक्सीजन जनरेशन हॉल का भी शिलान्यास किया। इसके बाद मुख्यमंत्री जिला अस्पताल पहुंचे और कोरोना पॉजिटिव मरीजों व उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में प्रमुख चिकित्साधीक्षक डॉ. केसी भट्ट से जानकारी ली। उन्होंने जिला अस्पताल में नवनिर्मित ऑक्सीजन जनरेशन भवन का भी निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एचसी पंत ने बताया कि आगामी 25 मई से संबंधित फर्म ऑक्सीजन जनरेशन यूनिट स्थापित करने का कार्य शुरू करेगी, जो अगले सप्ताह तक सुचारू हो जाएगी।