ब्लैक फंगस के इलाज को अंतरिम व्यवस्था
देहरादून। कोरोना संक्रमण से उबर चुके कई लोग ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) का शिकार हो रहे हैं। अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी हर रोज इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। वर्तमान में यहां पर ब्लैक फंगस से मरने वाले मरीजों की मृत्यु दर करीब आठ फीसद है। ऐसे में आयुष्मान भारत योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना और राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत ब्लैक फंगस के मरीजों के निशुल्क इलाज के लिए अंतरिम व्यवस्था बनाई गई है। स्टेट हेल्थ एजेंसी के निदेशक (क्लेम) डा. एके गोयल ने इस बावत सूचीबद्ध अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं। कोरोना संक्रमित और इस बीमारी से उबर चुके व्यक्तियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। प्राधिकरण ने अपने निर्देश में कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि होने पर एम्फोटेरेसिन-बी, पोसाकोनाजोल और इसावुकोनाजोल आदि दवाओं का खर्च प्राधिकरण देगा। इसके लिए अस्पताल प्राधिकरण के समक्ष ऑफलाइन क्लेम प्रस्तुत करेंगे। इसका भुगतान जल्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा कोरोना से उबर चुके किसी व्यक्ति में यदि ब्लैक फंगस की पुष्टि होती है तो उसका इलाज अनस्पेसिफाइड पैकेज के अंतर्गत किया जाएगा। बताया गया कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अभी अलग से कोई पैकेज घोषित नहीं है। ऐसे में यह अंतरिम व्यवस्था बनाई गई है।