देहरादून। उत्तराखण्ड क्रांति दल ने मनरेगा कर्मचारियों को सवेतन बहाल करने तथा हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे दिए जाने की मांग की है। दल के कार्यकर्ताओं ने ढ़ाई माह से एकता विहार धरना स्थल पर आंदोलित मनरेगा कर्मचारियों के समर्थन में रविवार को नारेबाजी कर धरना दिया। साथ आठ सालों से ग्राम्य विकास विभाग में तैनात आईएएस मनीषा पंवार को हटाने की मांग की है। उत्तराखण्ड क्रांति दल के केन्द्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने आक्रोश जताया कि मनरेगा कर्मचारियों की जायज मांग मानने के बजाय निरंकुश सरकार ने उन को बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने सरकार से मनरेगा कर्मचारियों को हिमाचल की तर्ज पर ग्रेड पे देने तथा उन्हें सवेतन बहाल करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 15 साल से नौकरी कर रहे मनरेगा कर्मचारियों को आउटसोसिर्ंग एजेंसी के हवाले करना चाहती है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार आठ साल से क्यों ग्रामीण विकास विभाग में ही जमी हैं। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय तक एक ही अधिकारी के एक विभाग में जमे रहने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। उत्तराखंड क्रांति दल युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष सीमा रावत ने कहा कि मनरेगा कर्मचारियों को केंद्र सरकार के बजट से कंटीजेंसी के तहत वेतन मिलता है। इसके अलावा वह निर्माण कार्यों की रायल्टी से भी राज्य सरकार को अच्छा खासा मुनाफा देते हैं। इसके बावजूद सरकारी कर्मचारियों को निकालकर आउटसोसिर्ंग के माध्यम से नए कर्मचारियों की तैनाती करने का षडंत्र कर रही है। जिसे किसी भी हाल में सफल नहीं होने दिया जाएगा। उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार से मांग की है कि यदि तत्काल इस तरह का तानाशाही वाला निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर जन आंदोलन करेंगे।