G-KBRGW2NTQN हरिद्वार महाकुंभ की तरह नहीं आयोजित होगी चारधाम यात्रा:हाईकोर्ट – Devbhoomi Samvad

हरिद्वार महाकुंभ की तरह नहीं आयोजित होगी चारधाम यात्रा:हाईकोर्ट

नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायालय ने पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को कड़ी फटकार लगा दी है। न्यायालय ने साफ कर दिया है कि चारधाम यात्रा महाकुम्भ की तरह नहीं आयोजित नहीं की जा सकती है। सरकार ने महाकुंभ शुरू होने से ठीक एक दिन पहले बिना पूरी तैयारियों के एसओपी जारी की थी। इसकी वजह कोरोना को फैलने का मौका मिल गया। सरकार की अव्यवस्थाओं के कारण ही प्रदेश की बदनामी होती है। इन्हीं अव्यवस्थाओं के कारण प्रदेश में कोरोना अधिक बढ़ा है। इसके विपरीत सरकार की ओर से पर्यटन सचिव ने कहा है कि फिलहाल 22 जून तक चारधाम यात्रा आयोजित नहीं की जा रही है।
बुधवार को यह फटकार प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं व चारधाम यात्रा को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खण्डपीठ ने लगाई है। यह सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। सरकार की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर पेश हुए। उन्होंने चारधाम यात्रा के लिए शपथपत्र पेश किया। इस शपथपत्र से न्यायालय सन्तुष्ट नहीं दिखा। इसके साथ ही न्यायालय ने 21 जून तक चारधाम की नई एसओपी जारी कर सभी रिकार्ड के साथ नया शपथपत्र पेश करने का निर्देश जारी कर दिया है। अब अगली सुनवाई 23 जून को होगी। इस दिन मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव एवं एडिशनल पर्यटन सचिव को भी वीडियो कांफ्रेसिंग में पेश होने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर न्यायालय ने राज्य सरकार से चारधाम यात्रा पैदल मार्ग को रोज सेनेटाइज करने पर भी विचार करने को कहा है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि 2020 में 3 लाख 10 हजार 568 श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए थे। अधिवक्ताओं का कहना है कि कोविड की दूसरी लहर काफी भयावह है। ऐसे में सरकार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है। याचिकाकर्ता द्वारा न्यायालय को यह भी बताया गया कि कुम्भ मेले में 11 प्राइवेट लैबों द्वारा एक लाख लोगों को गलत निगेटिव रिपोर्ट बनाई गई थी। याचिकाकर्ता ने इन लैबों को प्रतिबन्धित करने का अनुरोध किया है।

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