G-KBRGW2NTQN नए नेता प्रतिपक्ष के चुनने के साथ ही कांग्रेस में  प्रदेश संगठन में भी बदलाव की चर्चाएं तेज – Devbhoomi Samvad

नए नेता प्रतिपक्ष के चुनने के साथ ही कांग्रेस में  प्रदेश संगठन में भी बदलाव की चर्चाएं तेज

देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस की वरिष्ठ नेता व प्रदेश की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हदेयश के निधन के बाद कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए प्रयास तेज हो गए है। साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी उठ रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव को नलदीक देखते हुए प्रदेश संगठन में भी फेरबदल किया जा सकता है। इसके लिए कांग्रेस के प्रभावी नेता प्रकाश जोशी का नाम भी ेतेजी से उभरकर सामने आ रहा है। प्रकाश जोशी कई प्रदेश में कांग्रेस के सहप्रभारी रह चुके है और राहुल गांधी के नजदीक माने जाते है। उन्हे आगे लाकर कांग्रेस जातिय व क्षेत्रीय संतुलन भी बनाने का काम कर कर सकती है। प्रकाश जोशी को संगठन को संभालने का भी खासा अनुभव है।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हदयेश के निधन के बाद कांग्रेस के लिए नए नेता प्रतिपक्ष को जल्द से जल्द बनाना जिम्मेदारी बन गयी है। आगामी विधानसभा चुनाव सिर पर है और इसलिए पार्टी आलाकमान इस मामले में फंूक फंूक कर कदम रख रही है। वर्तमान विधायकों में करना महरा और खुद प्रदेश अध्यक्ष इस पद के लिए अनुभवि माने जा रहे है। इसलिए राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो रही है कि जल्द से जल्द नेता प्रतिपक्ष चुन लिया जाएगा। चर्चा यह भी है कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाकर उत्तराखण्ड कांग्रेस संगठन में किसी नए अनुभवी नेता की ताजपोशी की जा सकती है। इस बात पर चर्चा अधिक हो रही है कि  चुनाव नजदीक होने के कारण पार्टी आलाकमान गढ़वाल और कुमायू मंडल के प्रतिनिधित्व को बैलेस करने का काम करेगी। इसलिए अगर नेता प्रतिपक्ष गढ़वाल से है तो प्रदेश अध्यक्ष कुमायू से होना पार्टी आलाकमान तय कर सकती है। खुद पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश संगठन मजबूत करने के लिए से प्रीतम सिंह इतने अनुभवी नही है। इसलिए आज तक कांग्रेस भाजपा सरकार को किसी प्रकरण में दबा नही पायी। पिछले एक अर्से से राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस प्रदेश संगठन में फेरबदल की चर्चा चली आ रही थी। अब डां इंदिरा के निधन के बाद कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की चर्चा फिर जोर पकड़ रही है। राजनितिक विष्लेशकों का भी यही कयास है कि कांग्रेस उत्तराखण्ड में मजबूती बनाने के लिए प्रदेश संगठन में भी जल्द बदलाव कर सकती है। पर आगे होना क्या है यह अभी भविष्य के गर्भ में छिपा है।

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