G-KBRGW2NTQN मालिकाना हक से मयस्सर नही चौकोड़ी वासी – Devbhoomi Samvad

मालिकाना हक से मयस्सर नही चौकोड़ी वासी

पिथोरागढ़। इसे अवसरवादिता के सिवाय और क्या कहा जा सकता है आठ सौ से अधिक परिवारों के लोगो को रहने की छत उनके अपने प्रयासों से मयस्सर तो हुई मगर आधी अधूरी। सरकारी कुण्डली के चक्कर में मकान तो हैं मगर वह अभी तक घर नही बन सके। क्योकि गाड़ी कमाई व पसीने बहकर बनाये गए अपने  ही आशियाने में  एक किरायेदार की सी हैसियत  में  रहने को मजबूर है।  जन प्रतिनिधियों के आश्वाशन सुन -सुन कर चौकोड़ी निवासियों के कान पक चुके है। लेकिन सरकार द्वारा  मालिकाना हक अभी तक लोगों को नही दिया गया हैं। लोग अभी भी अपने नेताओं, सरकारों से उम्मीद लगाए रखते है कि कब उनको भी एक सम्मान की ज़िंदगी जीने का अवसर प्राप्त हो।
जनपद पिथोरागढ़ के तहसील बेरीनाग के पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात चौकोड़ी में लोग मकान तो बना रहे है लेकिन मालिकाना हक के बगैर। दरअसल कुँवर महाराज सिंह बिष्ट, पुर्व मालदार के निधन के बाद जमीन के कई हिस्सेदारो ने लोगो की सहूलियत के लिए जमीन बेची। जमीन की पक्की रजिस्ट्री ना होंने के कारण पूर्ण मालिकाना हक देने में कठिनाई होने लगी। नगरवासियों ने जब इसकी बात की तो उन्हें सिवा आश्वासन के कुछ नही मिला। एक दशक पुरानी ये मल्कियत का मसला जब सरकार तक पहुँचा तो लोगो को लगने लगा फैसला उनके पक्ष में आएगा। दुर्भाग्य देखिए फैसला तो आया नही उल्टे जो लोग मकान बना रहे थे उल्टे उनके कानून का डंडा दिखाकर डराया गया। सरकार,शासन,प्रशासन,जनप्रतिनिधि अगर समन्वय बनाते तो कोई ना कोई समाधान निकालकर लोगो को राहत देने का काम होता। इस जमीन के हिस्सदारों का कुछ विवाद न्यायालय में होने के चलते लोगों को मालिकाना हक से विरत कैसे किया जा सकता है। यह न्यायोचित नही लगता। लोगो को अपनी सरकारों से उम्मीद होती है ।और कानून सबके लिए  बराबर हो चौकोड़ी के लोगों का यह भी मानना हैं। उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी इस आशय का ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन देने वालों में  कांट्रेक्टर ललित कार्की, पर्यटन व्यवसायी हरीश पाठक, सदस्य क्षेत्र पंचायत श्रीमती निर्मला, ग्राम प्रधान ज्योति, मनोहर कार्की,गुड्डी उप्रेती,स्टे होम व रेस्टोरेंट से दीपक उप्रेती सहित अन्य  लोग उपस्थिति रहें।

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