पोस्ट कोविड में सांस की दिक्कत हृदय रोग का संकेत
देहरादून। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद (पोस्ट कोविड) यदि संबंधित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होने के साथ ही शरीर में थकावट, अधिक पसीना आना जैसे लक्षण दिखाए दें तो यह हृदय रोग का संकेत हो सकता है। इन लक्षणों को सिर्फ कोविड से जुड़ा हुआ समझकर अनदेखा करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यह कहना है कि फोर्टिस अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. इरफान याकूब भट्ट का।
शुक्रवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में डा. इरफान ने कहा कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से सन तंत्र को प्रभावित करता है। लेकिन कई बार इसके द्वारा हृदय पण्राली में भी संक्रमण हो सकता है, जो कि हृदय की कोशिकाओं से लेकर मांसपेशियों तक को संक्रमित कर सकता है। बताया कि कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान जो अनुभव प्राप्त हुआ है उसमें देखा गया कि दस प्रतिशत कोविड मरीजों में संक्रमण के दौरान हृदय से संबंधित समस्याएं पाई गई हैं। कई लोगों में हृदय रोग के संकेत कोरोना से ठीक होने के महीनों बाद भी देखे गए हैं। शरीर में वायरस की मौजूदगी होने से खून के थक्के बनने की संभावना रहती है जिसे थ्रोंबोसिस कहते हैं। इससे एंडोथीलियम डिस्फंक्शन भी हो सकता है। जिन मरीजों को इस तरह की समस्याएं होती हैं उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
डा. इरफान ने बताया कि हमारे पास कई मामले हृदय गति बढ़ने के या सांस लेने में तकलीफ होने के आ रहे हैं। इनमें कईयों में कोविड-19 का हल्का, मध्यम व गंभीर स्तर का संक्रमण रहा है। जिन लोगों में कोरोना से पहले हृदय रोग से संबंधित कोई समस्या नहीं थी उनमें भी कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद हृदय से संबंधित समस्या देखी गई। बताया कि कोरोना से ठीक होने के बाद जब व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है तो उसके फेफड़ों की जांच की जाती है। ईसीजी जांच के बाद हृदय रोग से संबंधित समस्या पता चलती है। उन्होंने सुझाव दिया कि कोविड से ठीक होने के छह से आठ सप्ताह तक व्यायाम करने से बचना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे टहलना शुरू करना चाहिए। इससे हृदय रोग की समस्या से काफी हद तक निदान पाया जा सकता है।