G-KBRGW2NTQN टीवी अभिनेत्री निकिता शर्मा ने त्रियुगीनायण मंदिर में लिये फेरे – Devbhoomi Samvad

टीवी अभिनेत्री निकिता शर्मा ने त्रियुगीनायण मंदिर में लिये फेरे

त्रियुगीनारायण मंदिर में भगवान विष्णु ने कराई थी शिव-पार्वती की शादी
रुद्रप्रयाग। शिव-पार्वती विवाह स्थल से विविख्यात त्रियुगीनारायण मंदिर में टीवी एक्ट्रेस निकिता शर्मा ने रोहनदीप के साथ सात फेरे लिये। उन्होंने गुपचुप तरीके से इस स्थल पर ब्याह रचाया। शादी में परिवार और कुछ चंद करीबी लोग ही शामिल रहे। उन्होंने अपनी शादी की खबर अपने दोस्तों को इंस्टाग्राम में शादी की तस्वीरें पोस्ट कर साझा की। रुद्रप्रयाग जिले के त्रियुगीनारायण गांव में स्थित यह भगवान विष्णु और लक्ष्मी का मंदिर है, लेकिन इसकी मान्यता शिव-पार्वती विवाह को लेकर ज्यादा है। इसी विशेषता के कारण यहां देश-विदेश से लोग आते हैं। मंदिर में एक अखंड धूनी है, जिसे लेकर मान्यता है कि ये वही अग्नि है, जिसके फेरे शिव-पार्वती ने लिए थे। आज भी उनके फेरों की अग्नि धूनि के रूप में जागृत है। बताया जाता है कियहां शादी करने पर वैवाहिक जीवन सुखी रहता है और पति-पत्नी के बीच आजीवन प्रेम और समर्पण का भाव बना रहता है। इस स्थल को वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए काफी बेहतर माना जा रहा है और यहां आने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी के लिए देश-दुनिया से लोग आ रहे हैं। इगास के दिन टीवी सीरियल स्वारागिनी फेम निकिता शर्मा ने गुपचुप तरीके से शादी रचाई। उन्होंने अपने होमटाउन उत्तराखंड में फैमिली की मौजूदगी में सात फेरे लिये। अभिनेत्री ने बेहद ही सादगी से रोहनदीप सिंह के साथ नए जीवन की शुरुआत की। शिव मंदिर में रोहनदीप ने उसकी मांग भरी। निकिता ने शादी के बाद अपने दोस्तों को यह खबर साझा करते हुए कुछ तस्वीरें इंस्टाग्राम पर डाली। शादी में निकिता लाल साड़ी में बेहद ही खूबसूरत नजर आ रही थी। उसकी शादी की खबर सुनने के बाद लोग उन्हें बधाइयां दे रहे हैं। कलर्स पर प्रसारित होने वाले सीरियल स्वरागिनी में निकिता कविता का किरदार निभा रही हैं। संस्कार की पूर्व प्रेमिका के रूप में ये नजर आ रही हैं। इसके साथ ही निकिता दो दिल एक जान, शक्ति और फिर लौट आई नागिन जैसे टीवी शोज में भी नजर आ चुकी हैं। निकिता ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रतीक इगास के दिन त्रियुगीनारायण मंदिर में सात फेरे लिऔर सादगी से शादी रचाकर अपनी जिंदगी के इस खूबसूरत पल को यादगार बनाया।
त्रियुगीनारायण मंदिर की विशेषता : भगवान विष्णु को समर्पित यह भव्य मंदिर त्रियुगीनारायण गांव में स्थित है। इसका प्राचीन रास्ता गुटठुर से केदारनाथ को जोड़ता है। यह गांव एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। पौराणिक कथा के अनुसार प्रख्यात हिमवत की राजधानी त्रियुगीनारायण थी और सतयुग में शिव ने पार्वती से इस स्थान पर विवाह किया था। ईरीय शादी के लिए विशाल आग चार कोनों के हवन कुंड में जलायी गई। सभी संतों ने शादी में भाग लिया। विष्णु समारोह के स्वामी शिक्षक स्वयं ही थे। माना जाता है कि आग के अवशेष खगोलीय पिंड की तरह आज भी हवन कुंड में जल रहे हैं। यहां तीन युग देखने पर इसका नाम त्रियुगीनारायण रखा गया। इस हवन कुंड की राख भक्तों के वैवाहिक जीवन को सुखी रखने का आशीर्वाद देती है। गांव में तीन अन्य कुंड रुद्राकुंड, विष्णु कुंड व ब्रहमाकुंड हैं। शिव-पार्वती की शादी के समय देवताओं ने यहां स्नान किया था। इस कुंड का पानी सरस्वती कुंड, जिसे विष्णु की नाभि से निकलना कहा जाता है।

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