नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न की बढ़ रही है घटनाएं
पौड़ी। जिले में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाएं चिंता का सबब बन गई हैं। पिछले तीन सालों में जिले में ऐसे 48 मामले सामने आए हैं। इन मामलों में नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न, बच्चों को जन्म देना व घर से भागना आदि घटनाएं शामिल हैं, जो एक नई विकृति को जन्म दे रहा है। एसएसपी पौड़ी ने अभिभावकों से अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने की आवश्यकता जताई है।
एसएसपी पौड़ी पी. रेणुका देवी ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए नाबालिगों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के आंकड़े साझा किये। एसएसपी ने कहा कि पुलिस, परिवार व समाज इन अपराधों पर सामूहिक जिम्मेदारी के साथ नियंतण्रपा सकता है। उन्होंने बताया कि जनपद पौड़ी में नाबालिग बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो चिंता का विषय है।एसएसपी ने बताया कि वर्ष 2019 में जनपद पौड़ी में पोक्सों के तहत 19, 2020 में 14 और 2021 में 15 मामले दर्ज किए गए। कहा कि जिले में ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आ रही हैं। इन मामलों में नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म, गर्भवती होना, नवजात को जन्म देने व जन्म देने के बाद बच्चे को फेंकने आदि की घटनाएं हैं। इससे लगता है कि अभिभावक अपने नाबालिग पाल्यों की गतिविधियों पर नजर नहीं रखते हैं। उनके साथ उनका भावनात्मक रिश्ता कमजोर दिखता है। कहा बेटियों के शारीरिक परिवर्तन भी नजरअंदाज किए जा रहे हैं। जो बड़ी चिंता का विषय हैं। कहा माता-पिता को नाबालिग पाल्यों की फोन, सोशल मीडिया की गतिविधियों की निगरानी भी करनी होगी। कहा नाबालिग के नवजात को जन्म देने के बाद नाबालिग बेटी व नवजात दोनों के जीवन पर विपरीत प्रभाव बढ़ता है। जिससे उनके आगे का जीवन कष्टमय हो जाता है। एसएसपी रेणुका देवी ने बताया कि जनपद में महिला अपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं। पुलिस पंपलेट, पोस्टर, ब्रोसर, चित्रकला, भाषण आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरुकता अभियान चला रही है। जिले के प्रत्येक थाने में महिला सेल गठित की गई है। जो गांव-गांव जाकर महिला अपराधों के प्रति लोगों को जागरुक कर रही हैं।