देहरादून। प्रदेश में कार्मिकों द्वारा हड़ताल एवं प्रदर्शन किए जाने की वारदात को शासन ने काफी गंभीरता से लिया है। मुख्य सचिव डा.एसएस संधु ने मंगलवार को कार्य नहीं तो वेतन नहीं का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष से कहा है कि कार्मिक यदि कार्यदिवस का बहिष्कार करते हैं तो उनकी उपस्थिति नहीं मानी जाए। साथ ही इसकी सूचना कोषागार को भी उपलब्ध कराई जाए। ताकि वेतन में कटौती की जा सके। मुख्य सचिव ने जारी अपने आदेश में यह भी कहा है कि कार्य बहिष्कार अवधि को बाद में उपार्जित अवकाश या अन्य किसी प्रकार के अवकाश में भी समायोजित नहीं किया जाएगा। बल्कि इस अवधि को संबंधित कार्मिक की सेवा में व्यवधान माना जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि हड़ताल या फिर कार्य बहिष्कार की अवधि में अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी कार्मिक को सामान्य रूप से अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। हड़ताल के दौरान यदि कोई कार्मिक अपनी डयूटी करना चाहता है तो उसे पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए। मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष कार्य नहीं तो वेतन नहीं के आदेश को पूरी तरह से पालन कराएं। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए।