धुमाकोट का नाम जसवंत गढ़ रखा जायेगा
पौड़ी। जसवंत गढ़ जिला संघर्ष समिति द्वारा अदालीखाल में 73 वे थल सेना दिवस पर आयोजित भव्य समारोह राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामरी के कारण जारी किये दिशा-निर्देश के चलते नहीं हो सका , लेकिन धुमाकोट में संघर्ष समिति की कार्यकारिणी की भविष्य रणनीतिक बैठक संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल राजदर्शन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई जिसमें संघर्ष समिति की शाखा पूर्व शिक्षक मित्र संगठन के अध्यक्ष शिक्षाविद गबर सिंह बिष्ट ने विकास खण्ड स्तर व ग्रामसभा स्तर पर समिति के विस्तार पर अपना प्रस्ताव रखा जो सर्वसम्मति से पारित हुआ और दीपक बिष्ट को जसवंत गढ़ जिला संघर्ष समिति विकास खण्ड नैनीडांडा के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया उन्हें नैनींडांडा विकास खण्ड में संघर्ष समिति के गठन के लिए अधिकृत किया गया।
संघर्ष समिति के संयोजक आर.पी.ध्यानी ने कहा कि हमारा पर्वतीय उत्तराखंड सैन्य बाहुल क्षेत्र है देश की रक्षा में हमारे इस छोटे से राज्य से दो बड़े सैन्य शक्ति संगठन गढवाल राइफल व कुमाऊं रेजिमेंट देश की हिफाजत में तैनात हैं, हमारे इसी पहाड़ क्षेत्र से देश की थल सेना के दो सैन्य प्रमुख रहे जर्नल बिपिन चन्द्र जोशी और जर्नल बिपिन रावत जो देश के प्रथम रक्षा अध्यक्ष भी रहे हमें गर्व है अपनी सैन्य परम्परा पर हमें अपने महान प्रतीकों को नहीं भूलना है और अपनी पीढ़ी को भी बताना है अपनी सैन्य परम्परा का इतिहास हमारा यह क्षेत्र सैन्य साहस के प्रतीक महावीर चक्र विजेता अमर शहीद जसवंत सिंह रावत का जन्म क्षेत्र है जो हर दृष्टि से पिछड़ा हुआ है जिसके विकास के लिए हम जसवंत गढ़ जिला गठन की सरकार से मांग कर रहे हैं जिसका केन्द्र धुमाकोट ही बनता है और इसके और विकास खण्ड मुख्यालय नैनीडांडा के बीच प्रयाप्त जमीन हमारे पास है अतः धुमाकोट जो कि हमारा छोटा सा कस्बा है यहां तहसील भी है इसका नाम जसवंत गढ़ रखा जायेगा जो जिला मुख्यालय होगा और यहां अमर शहीद जसवंत सिंह रावत, जर्नल बिपिन चन्द्र जोशी व जर्नल बिपिन रावत की आदमकद मूर्ति स्थापित की जायेगी जो हमारी पीढ़ी के लिए एक गौरवशाली इतिहास संरक्षित होगा, राज्य में नई सरकार के गठन के बाद जिला गठन व जिला मुख्यालय जसवंत गढ़ ( धुमाकोट ) का प्रस्ताव दिया जायेगा। संघर्ष समिति के सचिव उपदेश बिष्ट ने कहा हम जसवंत गढ़ जिला संघर्ष समिति शीघ्र ही पूरे क्षेत्र में व्यापक जनजागरण अभियान शुरू करेगी।
समिति के प्रमुख सदस्य पूर्व सैनिक योगेश्वर प्रसाद ध्यानी, भगत सिंह रावत व बहुत से युवा सक्रीय सदस्य बैठक में उपस्थित रहे।