देहरादून। शासन के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने कोविड काल में स्कूलों के लिए जो नयी व्यवस्था की है, उससे अधिकारियों को लागू करने को कहा गया है। इस संबंध में महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने सभी शिक्षा अधिकारियों को भेजा है। नयी व्यवस्था के अनुसार बीईओ व सीईओ कराएंगे आनलाइन शिक्षण की मानीटरिंग।
तिवारी ने लिखा है कि शासन ने गत 16 जनवरी को स्कूलों को भौतिक रूप से बंद करने के निर्देश दिये थे। उसी क्रम में आगे की व्यवस्था लागू करने के लिए आनलाइन शिक्षण को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कहा गया है। सभी सीईओ इसके लिए उत्तरदायी होंगे। आन लाइन शिक्षण को प्रभावी बनाये जाने के लिए प्रत्येक विद्यालय एवं प्रत्येक शिक्षक द्वारा प्रत्येक विषय के लिए आन लाइन शिक्षण के लिये समय-सारणी तैयार की जाय करके शिक्षण किया जाय। शिक्षकों के द्वारा आनलाइन शिक्षण के लिए तैयार की गई समय-सारणी से प्रधानाचार्य एवं प्रधानाचार्य द्वारा तदनुसार विकासखण्ड स्तर पर इसकी सूचना संकलित की जायेगा। शिक्षक द्वारा आन लाइन शिक्षण अधिगम का अभिलेखीकरण अनिवार्यत: किया जायेगा, जिसके लिये पंजिका तैयार करना, डिजिटल रूप में अभिलेख रखना आदि ताकि इसका समय-समय पर परीक्षण भी किया जा सके।
विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के पास आन लाइन अधिगम के लिए मोबाईल या अन्य उपकरण का अभाव हो सकता है। इसे देखते हुये उन्हें अपने अभिभावकों या अपने आस-पास में उपलब्ध पारिवारिक सदस्यों के स्मार्ट फोन या अन्य उपकरणों से आनलाइन शिक्षण से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाय। जिन विद्यार्थियों के पास आनलाईन पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। उनके लिये आफलाइन अधिगम सामग्री की उपलब्धता घर पर करने के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। ताकि कोई भी छात्र-छात्रा शिक्षण से वंचित न रह जाय। इसके साथ ही टेलिविजन चैनल के कार्यक्रम से भी बच्चों को पढ़ोने के लिए प्रेरित किया जाए। नयी गाइड लाइन के अनुसार प्रधानाचार्य विषयाध्यापकों के माध्यम से यह भी सुनिश्चित करायेंगे कि आन लाइन शिक्षण अधिगम के साथ ही छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन भी किया जाय तथा तदुसार उन्हें फीडबैक एवं अनुपूरक सुधारात्मक शिक्षण के लिए सहयोग दिया जाए। खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं उप शिक्षा अधिकारी यह व्यक्तिगत रूप से सुनिश्चित करेंगे कि विकास खण्ड के समस्त छात्र छात्राओं को आनलाईन शिक्षण अधिगम की सुविधा उपलब्ध हो सके।