G-KBRGW2NTQN डीसीबी में की गार्ड भर्ती में दो अधिकारियों पर गिरी गाज – Devbhoomi Samvad

डीसीबी में की गार्ड भर्ती में दो अधिकारियों पर गिरी गाज

रुड़की। जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) में 19 गार्ड की भर्ती के मामले में हुई गड़बड़ी के मामले में दो अधिकारियों पर गाज गिरी है। दोनों की दो-दो वेतन वृद्धि रोके जाने के साथ ही प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी गई है। जबकि तत्कालीन डीसीबी चेयरमैन पर कार्रवाई के लिए बोर्ड को अधिकृत किया गया है। वहीं प्रमाण पत्रों की जांच कर कूट रचना करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के भी निर्देश निबंधक सहकारिता ने दिए हैं।
कांग्रेस के शासनकाल में जिला सहकारी बैंक में गार्ड को भर्ती करने के लिए एक विज्ञप्ति जारी की गई थी। पांच अगस्त 2014 को जारी की गई विज्ञप्ति में बड़ी संख्या में आवेदकों ने आवेदन किया था। 2298 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। साक्षात्कार के लिए एक कमेटी गठित की गई थी। जिसमें तत्कालीन चेयरमैन सुशील चौधरी, तत्कालीन महाप्रबंधक डीसीबी एवं वर्तमान में महाप्रबंधक उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक लि. हल्द्वानी और तत्कालीन सहायक निबंधक सहकारिता एवं वर्तमान में सहायक निबंधक टिहरी सुभाष गहतोड़ी कमेटी में शामिल थे। इस चयन प्रक्रिया में सात से आठ माह लगे। प्रक्रिया के दौरान बड़ी अनियमितताएं हुई थी। इसे लेकर तब जिला सहकारी बैंक पर हंगामा भी हुआ। आरोप लगा था कि किसकी नियुक्ति होनी है, यह पहले से तय है। साक्षात्कार तो केवल औपचारिता पूरी करने के लिए किया जा रहा है।
इस मामले में उप्र तिलहन, दहलन संघ के पूर्व चेयरमैन सुरेन्द्र सिंह की पत्नी सुनीता सिंह ने मामले की शिकायत शासन से की थी। जिसमें आरोप लगाया था कि बड़े पैमाने पर नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है। शासन ने इस मामले में जांच बैठा दी थी। जांच के दौरान पाया गया कि साक्षात्कार के दौरान 979 अभ्यर्थियों को एक भी अंक नहीं दिया गया था। साथ ही 19 में से 13 अभ्यर्थियों के खेलकूद संबंधी प्रमाण पत्र भगवानपुर के बीडी इंटर कालेज से जारी किए गए थे। सभी एक ही वर्ष में जारी किए गए थे, कुछ अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र दूसरे विद्यालयों के थे। प्रमाण पत्रों की सही ढंग से जांच नहीं की गई।
इस मामले में निबंधक सहकारिता उत्तराखंड आलोक कुमार पांडे ने कमेटी को दोषी करार दिया है।

उन्होंने महाप्रबंधक दीपक कुमार और सहायक निबंधक (एआर) सहकारिता सुभाष गहतोड़ी को दोषी करार देते हुए पाया कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं किया। जिस पर उनकी दो-दो वेतन वृद्धि रोकने के साथ ही प्रतिकूल प्रविष्टि जारी कर दी है। इसके अलावा तत्कालीन चेयरमैन सुशील चौधरी पर कार्रवाई के लिए मौजूदा बोर्ड को अधिकृत किया गया है। इस कार्रवाई के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि निबंधक का यह आदेश 30 अप्रैल का है। जिसे पांच दिन तक रोके रखा गया। चर्चा है कि इतनें बड़े घोटाले का बावजूद सरकार ने एक्शन लेने में कंजूसी कर दी है।

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