पौड़ी। पिछले 16 सालों से फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिये नौकरी पाये एक शिक्षक की बर्खास्तगी के आदेश जारी हो गये हैं। रुद्रप्रयाग जनपद में कार्यरत उक्त शिक्षक के प्रमाणपत्र एसआईटी जांच में फर्जी पाये गए थे। शिक्षक के प्रमाणपत्र फर्जी पाये जाने पर एडी माध्यमिक ने उसकी बर्खास्तगी के आदेश जारी किये हैं।
जनपद रुद्रप्रयाग के राउमावि चौरिया, ब्लाक जखोली में सहायक अध्यापक ¨हदी के पद पर 8 सितंबर 2005 को गुलाब सिंह की नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति के दौरान उक्त शिक्षक ने शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्रों के साथ ही 2004 में चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से बीएड की उपाधि प्राप्त की जानकारी दी थी। जुलाई 2017 में सीबीसीआईडी को गुलाब सिंह के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी होने की शिकायत मिली थी। मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। एसआईटी की जांच में नवंबर 2020 को उक्त शिक्षक के बीएड की अंक तालिका व प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे।
एसआईटी की रिपोर्ट के बाद जून 2021 में शिक्षा महानिदेशक ने अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सितंबर 2021 को अपर निदेशक ने शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों के भीतर फर्जी अंक तालिका व प्रमाण पत्र को लेकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। मामले में नवंबर 2021 को सीईओ रुद्रप्रयाग को जांच अधिकारी नामित किया गया। जनवरी 2022 में विभागीय जांच में भी उक्त शिक्षक के बीएड की अंकतालिका व प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे।
अपर निदेशक ने अप्रैल 2022 को शिक्षक को सुनवाई का एक और अवसर प्रदान किया। लेकिन शिक्षक शैक्षणिक दस्तावेजों की वैधता को लेकर वो कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। मामले में 7 जून 2022 को उक्त शिक्षक के खिलाफ थाना अगस्त्यमुनि में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद विभाग ने 5 जुलाई 2022 को उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल महावीर बिष्ट ने बताया कि वर्तमान में जीआईसी पठालीधार अगस्त्यमुनि जनपद रुद्रप्रयाग के निलंबित सहायक अध्यापक गुलाब सिंह पुत्र शिवराज सिंह निवासी ग्राम अडूली की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।