कार्मिकों की स्वास्थ्य विभाग में एकमुश्त होगी वापसी
राजकीय मेडिकल कालेजों में तैनात हैं स्वास्थ्य विभाग के तमाम कार्मिक
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कुछ दिन पहले अधिकारियों को दिए थे निर्देश
दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने भी डीजी हेल्थ को लिखा पत्र
देहरादून। राजकीय मेडिकल कालेजों में तैनात अथवा सबंद्ध स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों की मूल विभाग में जल्द वापसी हो सकती है। इससे मेडिकल कालेजों में व्यवस्थाएं लड़खड़ा सकती हैं। क्योंकि वर्तमान में राजकीय दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में ही दो सौ से अधिक कार्मिक वह तैनात हैं जिनका मूल विभाग चिकित्सा शिक्षा नहीं बल्कि स्वास्थ्य है। इनमें कुछ डाक्टर भी हैं। सबसे अधिक संख्या नर्सिग अधिकारियों की है। इसके अलावा तकनीशियन व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी शामिल हैं।
दरअसल, बीती 11 नवंबर को चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि राजकीय मेडिकल कालेजों में स्वास्थ्य विभाग के जितने भी चिकित्सक व अन्य कार्मिक तैनात अथवा संबद्ध हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से मूल विभाग को एकमुश्त वापस अवमुक्त किया जाए। इस क्रम में दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने भी स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट को पत्र लिखा है। जिसमें मेडिकल कालेज में तैनात स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों की वापस मूल विभाग में तैनाती हेतु अपने स्तर से उचित कार्यवाही का अनुरोध किया गया है।
बता दें कि मेडिकल कालेज बनने से पहले दून अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के अधीन था। लेकिन सात साल पहले मेडिकल कालेज बनने के बाद यह चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन हो गया। पर अस्पताल में तैनात अब भी कुछ चिकित्सक, नर्सिग, पैरामेडिकल, तकनीशियन व अन्य स्टाफ का मूल विभाग स्वास्थ्य ही है। ऐसे में अब इन्हें वापस अपने मूल विभाग में जाना पड़ेगा। इन कार्मिकों की एकमुश्त वापसी मूल विभाग में होने से अस्पताल में व्यवस्थाएं लड़खड़ा सकती हैं। वैसे भी अस्पताल में पहले से कार्मिकों की कमीं बनी हुई है।