आईएएस राम विलास की 20 करोड़ की संपत्ति अस्थाई रूप से कुर्क
चार साल में कुल वैध आय निकली 78,51,777
समाज कल्याण घोटालों में नप चुके रामविलास यादव
देहरादून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तराखंड सरकार के तत्कालीन अपर सचिव राम बिलास यादव, आईएएस (सेवानिवृत्त) की संपत्ति को अस्थाई रूप से कुर्क करने का निर्णय लिया है। ईडी ने रामविलास की 20.36 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति को धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए) 2002 के तहत की गई जांच के अन्तर्गत अनंतिम (अस्थायी) रूप से कुर्क किया है।
ईडी ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में, सतर्कता प्रतिष्ठान देहरादून द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत रामबिलास यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी। जांच संस्था द्वारा दाखिल की गये आरोपपत्र में आरोप है कि जांच अवधि जनवरी 2013 से दिसंबर 2016 के दौरान राम बिलास यादव ने उनकी आय के ज्ञात स्रेतों के माध्यम से 78,51,777 रुपये की कमाई की है जबकि उनका खर्च 21.40 करोड़ रुपये है। इसलिए उन पर 20.61 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति (डीए) जमा करने का आरोप लगाया गया है जो कि उनकी कानूनी आय के ज्ञात स्रेतों से 2626 फीसद अधिक है।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 19 के तहत जांच के सिलसिले में गत 19 मई को राम बिलास यादव को गिरफ्तार भी किया था। पीएमएलए, 2002 के तहत जांच से पता चला कि राम बिलास यादव द्वारा कमाए गए इस अवैध धन का इस्तेमाल उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर एक फ्लैट, 4 जमीनें खरीदने में किया गया और लखनऊ में उनके घर, जनता विद्यालय गुडम्बा लखनऊ, भवन समूह और स्वर्गीय रामकरन दादा मेमोरियल ट्रस्ट, गाजीपुर की इमारतों के निर्माण पर और चल संपत्तियों में निवेश में भी खर्च किया गया।
अपराध की आय की पहचान के बाद, आरोपित एवं उसके परिवार के सदस्यों की 18.33 करोड़ रुपये की चल एवं 2.03 करोड़ रुपये (लगभग) की अचल सम्पत्ति के लिए अनंतिम (अस्थायी) कुर्की आदेश जारी किए गए हैं।