काली पट्टी बांध कर विरोध, प्रोन्नति न होने के लिए सरकार को ठहराया दोषी
देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ ने सरकार के साथ सीधे दो-दो हाथ करने का संकेत दिया है। संघ द्वारा आज से काली पट्टी बांधकर विरोध शुरू करने के साथ ही संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने शिक्षकों की समस्याओं के लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए संघ के सदस्यों को तय कार्यक्रम के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी आंदोलन चलाने का आह्वान किया है।
चौहान ने संघ के सदस्यों को दिये गये एक संदेश में कहा है कि प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्वाचित के तत्काल बाद शिक्षक हितों के सभी मुद्दों को लेकर सरकार तथा विभाग के साथ वार्ता करने का क्रम प्रारंभ किया। शिक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में हमें कई मांगों पर कार्यवाही का आासन दिया गया। बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि विभाग केवल प्रस्ताव प्रेषित कर अपने कार्यों की इतिश्री समझ रहा है। शासन को भेजे गये प्रस्तावों पर सरकार की ओर से अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। शिक्षा विभाग और उसमें भी विशेष रूप से शिक्षक ऐसे राजकीय कार्मिक हैं जिनको पदोन्नति के अधिकार से वंचित किया गया है। यह कहकर गेंद शिक्षकों के पाले में डाल दी जाती है यदि शिक्षक कोर्ट केस वापस ले लेंगे तो पदोन्नति हो जाएंगे।
उन्होंने कहा है कि यदि न्यायालय की शरण में गए शिक्षकों की जायज मांगों का समाधान विभाग अपने स्तर से कर दे तो समस्या का समाधान निकल सकता है। परंतु अभी तक कोई भी कार्यवाही शासन सरकार या विभाग की ओर से नहीं की गई है। चौहान ने अत्यंत खेदजनक करार दिया है। मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही न होने की स्थिति में संगठन को आंदोलन का यह निर्णय लेना पड़ा। लंबे-चौड़े संदेश में चौहान ने कहा है कि हमारी लड़ाई सिर्फ अपने हितों की मांगों को लेकर नहीं है बल्कि शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की लड़ाई है।
उन्होंने कहा है कि आंदोलन के प्रथम दिन सभी काली पट्टी लगाकर और इसके बाद चरणबद्ध तरीके से आंदोलन आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा है कि यह आंदोलन सड़कों पर उतरकर लड़ना पड़ सकता है, लेकिन सोशल मीडिया भी आंदोलन को धार देने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसलिए सभी लोग अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट से अपनी बात को आगे बढ़ाएं। जो भी पोस्ट लिखें, उन्हें मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को भी टैग करना सुनिश्चित करेंगे।