20 से अधिक परिवारों के खेत भू धंसाव होने से गांव को खतरा
सत्यप्रकाश ढौंडियाल
घनसाली:: बिगत दिनों भारी बरसात के कारण लोदस गांव में अत्यधिक भूस्खलन होने से अनसूचित जाति के 20 से अधिक परिवारों के खेत भू धंसाव होने से गांव को खतरा बना हुआ है और कभी भी गांव में अनहोनी हो सकती है।
आपको बता दें की पिछली बरसात के कारण जनपद टिहरी गढ़वाल के तहसील घनसाली बाल गंगा , विकासखंड के दूरस्थ गांव लोदस में लोक निर्माण विभाग की सड़क निर्माण की अनिमितता के चलते एवं अत्यधिक वर्षा से आपदा भूस्खलन के कारण 20 परिवारो की जमीन छती ग्रस्थ हुई है जिसकी सूचना कई बार शासन प्रशासन को दी है।
यह दशाव अभी भी लगातार जारी है आने वाली वक्त में पूरे गांव को खतरा बना हुआ है ।
पीड़ितों प्रवाहितों उपजिलाधिकारी घनसाली को अपना प्रार्थना पत्र दिया है जिसके लिए जांच पर कानून गौ बाल गंगा तहसील के अगुवाई में संयुक्त विजिट भी किया गया जिसमें वीडियो फोटो एडीओ कृषि, एडीओ उद्यान तथा ए वीडियो भिलंगना के द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर भूस्खलन क्षेत्र व अनुसूचित जाति की खेतों/जमीनों का हुआ नुकसान का भी जायजा लिया गया ।
टीम ने प्रवाहित छेत्र वीडियो फोटो ग्राफ्स एवीडी ओ भिलंगना के द्वारा उसकी जिओ टेक फोटो भी ली गई है ।
और उसकी सयुक्त रिपोर्ट उपजिला अधिकारी घनसाली के दी है ? किंतु आज तक चार मांह बीत जाने के बाद भी अभी तक ना तो अनुसूचित जाति परिवारों की भूमिका कोई भी राहत वा मुआवजा नहीं दिया गया ना ही संबंधित विभागों के द्वारा उसे क्षेत्र में किसी भी तरह भी निर्माण योजनाओं का अमल मेंलाया गया और ना ही किसी भी विभाग ने इस अपड़ाग्रस्थ छेत्र के बचाव के लिए कुछ निर्माण कार्य किए हैं ।
कई बार इस शिकायत को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के कार्यालय के संज्ञान में भी लाया गया जीरो ग्राउंड के सम्बन्धित अधिकारी कहा जनता की सुनने वाले अभी सांसद के चुनाव भी नजदीक है ऐसे में लोदस की जनता चुनाव का बहिस्कर भी पूर्व की भांति कर सकते हैं।
किंतु वहां से केवल लोक निर्माण विभाग को सीएम पोर्टल से शिकायत दर्ज की जाती है और फोन ही फोन पर उसका निस्तारण हो जाता है किंतु स्थानीय स्तर पर प्रवाहहित स्थल पर जाकर के किसी भी विभाग ने किसी भी अधिकारी ने किसी भी तरह के मुआजे देने व सुरक्षा /निर्माण का कोई भी कार्य नहीं किया है!
किसी भी स्तर पर सुनवाई न होने से प्रवाहित आने वाले समय में प्रभावितों को अपने हक हकों के लिए न्यायालय की शरण लेना भी उचित समझा जा रहा है ।
आने वाले समय में बरसात के दौरान किसी जनहानि हो सकती है यदि तत्काल ही आपदा प्रभावित क्षेत्र में समय रहते आरसीसी , चेकडेम के साथ सुरक्षा दिवाल नहीं लगाए गए तो उक्त अनहोनी कभी भी घटित हो सकती है।
प्रभावितों का कहना है कि हमारी खेती को तत्काल ही खेती करने लायक बनाया जाए चाहे वह ब्लॉक के माध्यम से मनरेगा योजना तहत ही क्यों ना हो
भूमि संरक्षण विभाग के माध्यम से हमारे खेतों को शीघ्र ही खेती योग्य बनाने के लिए गुहार लगाई है।
जिनके खेतो का नुकसान हुआ वे गुलशन कुमार ,लेखराज, जयप्रकाश ,बलवंत ,प्रेमलाल बेनालाल ,मुकंदी लाल ,बलबीर ,सोहनलाल सत्यप्रकाश,गजेंद्र लाल आदि है ।
कई अनुसूचित जाति के लोगों की भूमि नष्ट हो गई है जिसे प्रशासन या शासन की ओर से किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया है ।
क्षेत्रीय जन नेता भी क्षेत्र को देखने तक नहीं गए हैं लिहाजा प्रभावीतो ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई अपील की है कि तत्काल ध्वस्त हुई जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए तथा आपदा मानकों के अनुसार उनको राहत उपलब्ध की जाए साथ ही लोक निर्माण विभाग अपनी सड़क को ठीक करके लगातार हो रही भूस्खलन को रोक तथा कृषि विभाग व भूमि संरक्षण विभाग खेतों की सुरक्षा और भू संपदा को बचाने के लिए आगे आकर स्थानीय लोगों और ग्रामीण की मदद करें।