धाद ने जारी किया माल्टे का मांगपत्र
माल्टे के महीने का समापन धाद स्मृतिवन में पहाड़ की भोज परम्परा के आयोजन कल्यो के साथ संपन्न हुआ
देहरादून। उत्तराखंड हिमालय के फलों के उचित समर्थन मूल्य उचित विक्रय व्यवस्था और सरकारी बसों में मुफ्त ढुलान व्यवस्था की मांग के साथ धाद ने माल्टे का मांगपत्र जारी किया। मांगपत्र को पढ़ते हुए धाद के वरिष्ठ सदस्य उत्तम सिंह रावत ने धाद के माल्टे के महीने अभियान में जुटाए गए सुझावों के आधार पर तैयार मांगपत्र को आम समाज और शासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए जारी किया। मांगपत्र में पहाड़ी फलों के सम्मानजनक समर्थन मूल्य,उसकी समयोचित घोषणा, विधिवत क्रय व्यवस्था,स्कूलोन में पोषहार योजना में स्थानीय फलों को वरीयता, सीजन में मंडी तक मुफ्त ढुलान,फल प्रसंस्करण के जिले केंद्रों की व्यवस्था की मांग रखी गयी है.
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि पहाड़ के फलों और अन्न के लिए धाद की पहल सराहनीय है.और जिस तरह से इसे समाज का समर्थन मिल रहा है वह उम्मीद जगाता है।
इस अवसर पर हरेला संवाद के अंतर्गत आमंत्रित सतपुली मल्ली गाँव के किसान देवेंद्र नेगी ने बताया की आज जो लोग पहाड़ में बागवानी खेती करना चाह रहे हैं उनके सामने चौतरफा चुनौतियाँ है एक तरफ जंगली जानवर है उस पर उपज को बचाने के बाद उसके सही दाम मिलने की चुनौती है सड़क तक उसकी ढुलाई और बाजार मे उचित मुल्य ना मिलना हिम्मत तोड़ देता है I इसलिए आज सही मार्केट की व्यवस्था बहुत बड़ी जरुरत है।
गाजियाबाद के प्रवासी उत्तराखंडी हरीश डोबरियाल ने कहा कि आज बहुत से प्रवासी इस दिशा में सक्रीय है लेकिन उनके प्रयास तभी फलीभूत होंगे जब इस दिशा में शासन और समाज का साथ मिलेगा पहाड़ी खेती में पानी से लेकर काम करने वाले को लेकर कई समस्यांए हैं जिसे लेकर सघन प्रयास किये जाने की जरुरत है आज जब लोग धुप सेंकने का भी पर्यटन बाजार है तब हमारे शुद्ध फलों का कोई सम्मानजनक बाजार नहीं मिल पा रहा है यह अचरज का विषय है।
कृषक बागवानी संगठन के बीर भान सिंह ने कहा की पहाड़ के फल एक बड़ा बाजार पैदा करने की क्षमता रखते हैं और इस बार माल्टे को लेकर धाद और उनके संगठन ने अपने सीमित संसाधनों में ऐसा कर दिखाया है इसलिए इस दिशा में गंभीर प्रयास होंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे। सुशील पुरोहित द्वारा अपने सम्बोधन में आमजनमानस से पुरानी पीढियों के द्वारा सहेजे गये जंगलो और पेडों को बचाने के साथ -साथ नई पीढी को पेडों को लगाने के लिये प्रोत्सहित करने हेतु अपील करते हुये महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
माल्टे के महीने अभियान का विवरण धाद के सचिव तन्मय द्वारा रखा गया। आयोजन का सञ्चालन अर्चना ने किया।
इस अवसर पर भोज विशेषज्ञ मंजू काला द्वारा पहाड़ की भोजन परम्परा के साथ किये गए प्रयोग का काल्यो फ़ूड फेस्ट भी आयोजित किया गया जिसमे बाजरे के कटलेट,मूंग- आलू की बड़ी,बाजरे और माल्टे की मीठी मठरी,बाजरे की बैड़मी पूरी, पिंडालु का ” पहाड़ी झोल”,कोदों का उपमा, चैनसु रिखणी दाल,डले वाला पहाड़ी भात, पके लाल कद्दू का पहाड़ी रायता, सना सलाद बाजरे व माल्टे की लाप्सी परोसी गयी
इस अवसर पर डी सी नौटियाल, किशन सिंह, सुशील पुरोहित, लिली धस्माना,कल्पना बहुगुणा,उषा गुसाईं कै. अरुण ठाकुर,हिमांशु आहूजा, अनूप कुमार,बीरेंद्र खंडूरी, अनुराधा, सुनील भट्ट, साकेत रावत,शुभम शर्मा, डॉ विद्या सिंह, शिव मंगल सिंह उपस्थित रहे।