तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री में गंगातट पर किया सरकार का पिंडदान
उत्तरकाशी। उत्तराखंड चारधामानम प्रबंधन बोर्ड को रद्द करने की मांग को लेकर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों की ओर से गंगोत्री धाम परिसर में शुरू किया गया अनिचितकालीन क्रमिक धरना शनिवार को 73 वें दिन भी जारी रहा। धरने के लंबे समय बीतने पर भी सरकार की ओर से मामले में कोई कार्यवाही न किये जाने पर आंदोलनरत तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री में गंगानदी तट पर सरकार का पिंडदान किया।
रोजना की भांति शनिवार को भी बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहित धरना स्थल पर पंहुचे और उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाये तथा उसके बाद गंगा तट पर पंहुचकर अपने गुस्से का इजहार करते हुये प्रदेश सरकार का पिंडदान किया तथा मां गंगा से सरकार को सद बुद्धि देने की प्रार्थना की। इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि विरोध के बाबजूद भी सरकार ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड बनाये जाने से तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के हितों के साथ सरासर खिलवाड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर चारों धामों में पूर्व व्यवस्था को बहाल नहीं किया गया है ,तब तक आंदोलन को जारी रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन को ढाई माह होने पर भी षासन-प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली है,जिससे तीर्थ पुरोहितों तथा पंडा समाज में भारी रोष बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि शीघ्र मामले में आवश्यक कार्यवाही नहीं की तो आंदोलन को उग्र कर दिया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के मामले के बारे में हाईकोर्ट की ओर से दिये गये फेसले को सुप्रिम कोर्ट में चुनौती देने के लिये सभी तैयारी पूरी कर दी गई है तथा जल्द ही इस बारे में याचिका दायर कर दी जायेगी। इस अवसर पर राकेश सेमवाल,सत्येंद्र सेमवाल, अरूण सेमवाल,गोर्वधन सेमवाल, नीरज सेमवाल,राजेश सेमवाल, नरेश सेमवाल आदि कई लोग बैठे।