मनरेगा में अब आजीविका पैकेज माडल लागू
देहरादून। ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और प्रवासियों को पलायन करने से रोकने के मकसद से मनरेगा में अब आजीविका पैकेज माडल लागू करने का सरकार ने निर्णय लिया है। आजीविका पैकेज माडल के तहत लाभार्थी को एक से ज्यादा कामों के लिए एकमुश्त 99000 की धनराशि मुहैया कराई जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
ग्रामीण परिवारों की आर्थिक दशा को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए आजीविका पैकेज माडल प्रदेश में लागू किया गया है। इसके तहत पहली प्राथमिकता ऐसे लाभार्थियों को दी जाएगी जो भूमिहीन हैं। उसके बाद ऐसे लाभार्थियों को आजीविका पैकेज माडल से जोड़ा जाएगा जिनके पास 1-3,3-6,6-10 एवं 10 से अधिक नाली भूमि है। खास बात यह है कि जिनके पास मानक के मुताबिक भूमि उपलब्ध है। साथ ही अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और प्रवासियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी जिनके पास जाबकार्ड है। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूहों को भी वरीयता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन विकास खंड और ग्राम पंचायत स्तर पर की जाएगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि लाभार्थियों को मनरेगा के अंतर्गत जाबकार्ड में पंजीकृत होना अनिवार्य है। आजीविका पैकेज माडल में कुल विभिन्न कामों के लिए 61 पैकेज बनाए गए हैं जिसमें पशुपालन ,मुर्गी पालन,उद्यानीकरण,भूमि सुधार कार्यक्रम और सिंचाई सुविधा को भी शामिल किया गया है। मनरेगा के मुताबिक दिहाड़ी के काम पहले की तरह ही चलते रहेंगे। अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार के मुताबिक स्वरोजगार की दिशा में यह प्रयास है। इससे ग्रामीण परिवारों में और ज्यादा खुशहाली आने की उम्मीद है। मनीषा का कहना है कि गांवों में परिवार सही तरीके से चले इसलिए ही आजीविका पैकेज लागू किया गया है। रुचि के मुताबिक पैकेज दिए जाएंगे। मनरेगा के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम के मुताबिक आजीविका पैकेज लेने वालों को 10-10 फलदार वृक्ष भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बढ़ रही महंगाई को देखते हुए आजीविका पैकेज माडल लागू किया गया है।