यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिये हुये बंद
उत्तरकाशी/बड़कोट। वि प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट सोमवार को भैया दूज के मौके पर पूजा अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिये बंद हो गये है तथा मां यमुना की भोगमूर्ति खरसाली स्थित मंदिर गृह में विराजमान हो गई है। अब 6 माह तक मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु उन शीतकालीनप्रवास खरसाली में ही कर सकेंगे। दूसरी ओर मां गंगा की भव्य भोगमूर्ति भी भैया दूज के मौके पर मुखबा गांव स्थिम मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित हो गई है। इस मौके पर यमुनोत्री धाम, खरसाली व आस-पास के क्षेत्रों मं जमकर बर्फवारी भी हुई। यमुनोत्री धाम के कपाट सोमवार को भय्या दूज पर्व पर शीतकाल के लिए वैदिक मन्त्रोचारण के साथ शुभ मूहत 12.15 बजे आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये बन्द कर दिये गये। खरसाली गांव से प्रात: समेर देवता की डोली मां यमुना को लेने यमुनोत्री धाम पंहुची। इससे पूर्व यमुनोत्री धाम में पूजा अर्चना हुई। मां यमुना आरती सहित हवन हुआ। मां यमुना के भाई शनि देव महाराज अपनी बहन लेने बर्फवारी के बीच यमुनोत्री धाम रवाना हुये। शनि महाराज की डोली यमुनोत्री धाम पंहुचने पर पूजा अर्चना संपन्न होने के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट 6 महीनें के लिये अभिजीत मूर्हत में 12 बजकर 15 मिनट पर बंद किये गये तथा उसके बाद मां यमुना और शनिदेव महाराज की डोली अपने शीतकाल प्रवास खसरसाली के लिये रवाना हुई। सोमर महादेवता की डोली के साथ मा यमुना का स्वागत किया।